छिंदवाड़ा में स्मार्ट मीटर क्रांति: 64,000 डिजिटल मीटर बदले, बिजली कनेक्शन जोड़ने पर 340 रुपये का चार्ज

अप्रैल 22, 2025
अभिनव चौहान
छिंदवाड़ा में स्मार्ट मीटर क्रांति: 64,000 डिजिटल मीटर बदले, बिजली कनेक्शन जोड़ने पर 340 रुपये का चार्ज

छिंदवाड़ा में 64,000 मीटर बदले: क्या है स्मार्ट मीटर का फायदा?

छिंदवाड़ा जिले में बिजली व्यवस्था में बड़ा बदलाव हो रहा है। यहां पुराने डिजिटल मीटर हटाकर 64,000 स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। सरकारी स्तर पर इसे बिजली प्रबंधन का फ्यूचर मॉडल कहा जा रहा है। स्मार्ट मीटर न सिर्फ रीयल-टाइम डेटा भेजते हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को अपने बिजली इस्तेमाल की पूरी जानकारी तुरंत मोबाइल या कंप्यूटर पर देखने की सुविधा भी देते हैं।

हर उपभोक्ता को अब मीटर रीडर के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा कि बिल कितना आएगा या रीडिंग ठीक है या नहीं। जैसे ही मीटर लगाया जाएगा, आपके घर या दफ्तर की बिजली खपत और खर्च का आंकड़ा सीधे कंपनी तक ऑनलाइन जाएगा। इससे गलत बिलिंग या मानव त्रुटि की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

बिजली कंपनियों का मानना है कि डिजिटल मीटर के मुकाबले बिजली मीटर बदलाव से राजस्व में भी इजाफा होगा। क्योंकि अब लाइन लॉस और चोरी पकड़ना आसान हो जाएगा।

री-कनेक्शन चार्ज और ग्राहकों के लिए नई गाइडलाइन

री-कनेक्शन चार्ज और ग्राहकों के लिए नई गाइडलाइन

अब अगर किसी कारण से बिजली कनेक्शन कट गया तो उसे फिर से जोड़ने पर 340 रुपये री-कनेक्शन चार्ज देने होंगे। पहले छोटी फाइलिंग फीस लगती थी, लेकिन अब स्मार्ट मीटर की नई व्यवस्था के तहत यह शुल्क तय किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट मीटर की रिमोट कंट्रोल सुविधा से बिना मौके पर पहुंचे भी कनेक्शन काटना या जोड़ना संभव होगा।

मौजूदा प्रक्रिया में हर मीटर को बदलने के लिए ग्राहक से सहयोग मांगा जा रहा है। बिजली विभाग की टीमें इलाके-इलाके में जाकर मीटर स्थापित कर रही हैं। कई जगह कंपनियां मुफ्त या सब्सिडी में भी बदल रही हैं। इस दौरान सलाह दी गई है कि जिन उपभोक्ताओं के यहां मीटर बदलने की तारीख तय हो गई है, वे समय पर घर पर मौजूद रहें, वरना बिजली सप्लाई में रुकावट आ सकती है।

अधिकारियों का ध्यान मीटरिंग के साथ-अलग विभागीय प्रक्रियाओं को भी पेपरलेस और डिजिटल करने पर है। हालांकि कुछ लोग अभी असमंजस में हैं कि स्मार्ट मीटर के आने से उनके बिजली बिल में कोई बड़ा फर्क पड़ेगा या नहीं। कई उपभोक्ता स्मार्टफोन से मीटर की मॉनिटरिंग फाइलिंग शुरू कर चुके हैं, जिससे उन्हें फायदा भी साफ दिख रहा है।

  • कोई चोरी या अनियमितता पकड़ने में सहूलियत
  • बिना कर्मचारी भेजे कनेक्शन जोड़ने या काटने की सुविधा
  • उपभोक्ता की बिजली खपत पर सीधा कंट्रोल
  • गलत बिलिंग के झंझट से राहत

पूरे जिले में जल्द ही बाकी बचे मीटर भी स्मार्ट हो जाएंगे। बिजली कंपनियों का मानना है कि इस बदलाव से छिंदवाड़ा स्मार्ट बिजली जिला बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।