केरल में भारी बारिश से प्रभावित जिलों में शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित

जुल॰ 18, 2024
अभिनव चौहान
केरल में भारी बारिश से प्रभावित जिलों में शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित

केरल में भारी बारिश: शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित

केरल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से राज्य के कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश की गंभीरता को देखते हुए कोझिकोड, पलक्कड़, इडुक्की, अलाप्पुझा, कन्नूर, थ्रिसूर, कोट्टायम, और वायनाड जिलों में शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया है। यह अवकाश सभी शैक्षणिक संस्थानों, प्रोफेशनल कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर लागू होगा। हालांकि, पहले से निर्धारित परीक्षाएं इस अवकाश के दायरे में नहीं आएंगी और वे समयानुसार आयोजित की जाएंगी।

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि मालप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में मंगलवार को भारी बारिश हो सकती है और इसके लिए ऑरेंज वार्निंग जारी की गई है। इसके अलावा, कई अन्य जिलों के लिए येलो वार्निंग भी जारी की गई है। इस चेतावनी के मद्देनजर सभी मत्स्य व्यापार और मछलियों के पकड़ पर 19 जुलाई तक प्रतिबंध लगा दिया गया है।

भूतनकेट्टू बांध के शटर खोले गए

परियार नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए भूतनकेट्टू बांध के शटर खोल दिए गए हैं ताकि जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके। बांध के शटर खुलने से आस-पास के इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

राजस्व मंत्री का बयान

केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने कहा है कि राज्य भर में हुए बारिश के सबंधित मुद्दों का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत कार्य शुरू करें और वहां की जनता को हर संभव सहायता प्रदान करें। बारिश से निपटने के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय कर लिए हैं।

सुरक्षा और राहत का प्रबंध

राज्य के अलग-अलग हिस्सों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां प्रभावित लोगों को समुचित सुविधाएं दी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। कृषि क्षेत्र में भी काफी नुकसान का अनुमान है और किसानों को मुआवजा दिया जाने का आश्वासन दिया गया है।

सरकार ने जनसामान्य से अपील की है कि वे बारिश के दौरान घर से बाहर ना निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। इसके अलावा, जलभराव वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।

बारिश के असर और बचाव के उपाय

प्रभावित जिलों में प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। सड़क पर जलभराव की स्थिति में बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं और यातायात को सामान्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बिजली विभाग ने भी अपने कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा है ताकि बिजली आपूर्ति के रुकावटों को तुरंत ठीक किया जा सके।

सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने भी राहत कार्यों में हाथ बढ़ाया है और वे भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्त्रों की आपूर्ति कर रहे हैं। इस मानसून सत्र में केरल को प्राकृतिक आपदा से जूझना पड़ रहा है, लेकिन राज्य प्रशासन और नागरिकों के मिलकर इस संकट का सामना कर रहे हैं।

हर साल की तरह इस साल भी मानसून के दौरान केरल में भारी बारिश और बाढ़ का सिलसिला जारी है। पिछले साल भी राज्य को इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए थे और फसलों का व्यापक नुकसान हुआ था। राज्य सरकार ने इस बार बेहतर तैयारी की है ताकि पिछले साल जैसी स्थिति न हो। राहत और बचाव कार्यों को तेजी से संपन्न कराया जा रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव सहयोग पहुंचाया जा रहा है।

यह समय सभी को जिम्मेदारी और सतर्कता बरतने का है। हमें एकजुट होकर इस विपत्ति का सामना करना होगा और प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आना होगा। इस मुश्किल समय में हमारी एकता और विशेष सुरक्षात्मक उपाय ही हमें इस संकट से निकाल सकते हैं।