केरल में फिर से निपाह वायरस के कारण मौत का मामला
केरल के कोझिकोड में शनिवार को एक 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई। लड़के का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। वह मलप्पुरम जिले के पंडिक्कड के पास के चेम्ब्रासेरी का रहने वाला था। लड़के का इलाज कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया से मंगवाए गए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दिए गए थे। परंतु, इन एंटीबॉडीज़ के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
लड़के की बीमारी से प्रारंभिक शिकायतें
लड़के ने स्कूल से लौटने के बाद 10 जुलाई को बुखार और थकावट की शिकायत की थी। उसे शुरूआत में कई निजी अस्पतालों में भर्ती किया गया था, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। अंततः उसे कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित किया गया।
संपर्क में आए लोगों पर निगरानी
लड़के के संपर्क में आए तीन करीबी रिश्तेदारों को कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। जबकि उसके चार अन्य परिचितों को मलप्पुरम के मंजेरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। इनमें से एक व्यक्ति आईसीयू में है।
स्वास्थ्य मंत्री की सलाह
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस मामले की पुष्टि की और जनता को आश्वासन दिया कि उच्च जोखिम संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति में निपाह के लक्षण नहीं पाए गए हैं और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
खतरे के संकेत
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, सुबह 11 बजे के करीब बालक को दिल का दौरा पड़ा और 11:30 बजे के आसपास डॉक्टरों की सभी कोशिशों के बावजूद बालक ने दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद उनके रिश्तेदारों के शरीर के तरल नमूनों की जांच शाम तक पूरी होने की उम्मीद है।
पाबंदियों का ऐलान
राज्य सरकार ने कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आगंतुकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सभी आगंतुकों को फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और प्रत्येक मरीज के लिए केवल एक ही व्यक्ति को साथ रहने की अनुमति दी गई है।
जागरूकता अभियान
मलप्पुरम जिले के पंडिक्कड और अणक्कयम ग्राम पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके तहत जनता को निपाह वायरस के लक्षण और उससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
निपाह वायरस एक प्राणघातक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। इस वायरस का संक्रमण मस्तिष्क को बुरी तरह प्रभावित करता है और इसके कारण तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी और एनसानियत की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, इस वायरस के लक्षण दिखने पर त्वरित जांच और इलाज ज़रूरी है।
केरल सरकार स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है और संक्रमण को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। अधिकारियों ने जनता से अनुरोध किया है कि वे घबराएं नहीं और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करें।
इस प्रकार के मामले हमें याद दिलाते हैं कि हमें स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और सावधानीपूर्वक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।