NEET में धांधली के बीच सुभाष सिंह को हटाया गया, प्रदीप सिंह खरोल को अतिरिक्त चार्ज

जून 23, 2024
अभिनव चौहान
NEET में धांधली के बीच सुभाष सिंह को हटाया गया, प्रदीप सिंह खरोल को अतिरिक्त चार्ज

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में बड़ी फेरबदल

हाल ही में भारत सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के महानिदेशक सुभाष सिंह को उनके पद से हटा दिया है। यह कदम नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं में अनियमितताओं के चलते उठाया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस कदम के तहत नीट-पीजी परीक्षा, जो कि इस रविवार को आयोजित होने वाली थी, को भी स्थगित कर दिया है। नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।

प्रदीप सिंह खरोल को मिला अतिरिक्त चार्ज

वर्तमान में इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप सिंह खरोल को NTA का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। जब तक स्थायी नियुक्ति नहीं होती, तब तक प्रदीप सिंह खरोल इस पद को संभालेंगे। सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि परीक्षा प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता या त्रुटि न हो। खरोल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि परीक्षा प्रक्रिया सुचारू ढंग से चल सके।

उच्चस्तरीय समिति का गठन

उच्चस्तरीय समिति का गठन

शिक्षा मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व इसरो अध्यक्ष और IIT कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन करेंगे। इस समिति का मुख्य उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, सुगम और निष्पक्ष बनाना है। इस समिति में विषय विशेषज्ञ शामिल हैं, जो परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार के लिए सिफारिश करेंगे, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करेंगे, और NTA के पुनर्गठन के लिए मार्गदर्शन देंगे।

समिति को अपनी रिपोर्ट दो महीने के भीतर शिक्षा मंत्रालय को सौंपने का निर्देश दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि यह रिपोर्ट परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें प्रदान करेगी।

शिक्षा मंत्री का बयान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जोर दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि परीक्षाएं त्रुटिरहित और निष्पक्ष हों। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों के हितों को प्राथमिकता देती है और किसी भी प्रकार की धांधली सहन नहीं की जाएगी।

छात्रों की उम्मीदें

छात्रों की उम्मीदें

परीक्षा स्थगन और समिति की स्थापना से छात्रों के मन में नई उम्मीदें जगी हैं। छात्रों को उम्मीद है कि यह समिति परीक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी, और भविष्य में किसी भी प्रकार की धांधली और अनियमितता से बचा जा सकेगा।

पिछले अनियमितताओं का असर

नीट और यूजीसी-नेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में तनावपूर्ण मुद्दे उठते रहे हैं। छात्रों और अभिभावकों की बढ़ती शिकायतों और विरोधों के कारण, यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सरकार इन परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखे। पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि परीक्षा के परिणामों में कई बार गड़बड़ी हुई है, और यह सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है।

इन्हीं सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा मंत्रालय ने यह कठोर कदम उठाया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

समिति के संभावित सुधार

समिति की पहली प्राथमिकता परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना होगी। इसमें प्रश्न पत्रों की तैयारी, परीक्षा केंद्रों की निगरानी, और परिणामों की घोषणा में संदिग्ध गतिविधियों की जांच शामिल होगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो

इसके अलावा, डेटा सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाएगी। यह देखा गया है कि कई बार परीक्षा से जुड़े डेटा में छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई हैं। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया जाए।

NTA का पुनर्गठन

समिति का एक और महत्वपूर्ण कार्य NTA का पुनर्गठन करना होगा। NTA का पुनर्गठन परीक्षा संचालन को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा। इसमें नए प्रबंधकीय ढांचे की स्थापना, तकनीकी उन्नयन, और कर्मचारियों के प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस पुनर्गठन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि NTA आने वाले समय में सभी प्रकार की परीक्षाओं को प्रभावी ढंग से संचालित कर सके और वांछित परिणाम हासिल कर सके।

भविष्य की चुनौतियाँ

हालांकि समिति का गठन और NTA का पुनर्गठन एक सकारात्मक कदम है, फिर भी इसके सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि इस पूरी प्रक्रिया को सुचारू और समयबद्ध तरीके से कैसे पूरा किया जाए। इसके अलावा, परीक्षा सम�

चारु संचालन में आईटी और तकनीक का पूरा उपयोग भी महत्वपूर्ण होगा। ताकतवर तकनीकी प्रोटोकॉल के साथ साथ इस प्रणाली की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी बनाई जा सकती है।

समापन

परीक्षा संचालन की इस नई पहल के माध्यम से सरकार नीट और यूजीसी-नेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। छात्रों के तीव्र विरोध और मांगों को ध्यान में रखते हुए, यह कदम निश्चित रूप से भविष्य में बेहतर परीक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा