पेरिस पैरालिम्पिक्स 2024: होकातो होताज़े सेमा का ऐतिहासिक प्रदर्शन
भारतीय सेना के अधिकारी होकातो होताज़े सेमा ने पेरिस पैरालिम्पिक्स 2024 में पुरुषों के शॉट पुट F57 वर्ग में कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है। सितंबर 6, 2024 को आयोजित इस मुकाबले में अपने पदार्पण के साथ ही उन्होंने एक विशेष उपलब्धि हासिल की है।
सेमा का खेल करियर प्रेरणादायक रहा है। 2002 में एक सैन्य अभियान के दौरान उनकी एक टांग चोटिल हो गई थी, जिसके बाद उसे ऑपरेशन के दौरान हटाना पड़ा। इस विपरित परिस्थिति के बावजूद, सेमा ने हार नहीं मानी और 32 साल की उम्र में शॉट पुट में हिस्सा लेना शुरू किया। उनके इस जज़्बे की सराहना की जानी चाहिए।
इस खास मुकाबले में सेमा ने 14.65 मीटर की शॉट पुट के साथ अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीता। ईरान के यासिन खोस्रावी ने 15.96 मीटर की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि ब्राज़ील के थियागो पॉलिनो दोस सैंटोस ने 15.06 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया।
सेमा की यात्रा: संघर्ष और सफलता
सेमा का सफर केवल इस पैरालिम्पिक्स से नहीं जुड़ा है, बल्कि वे पहले भी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं। 2023 एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता था और 2023 विश्व चैम्पियनशिप में उनकी सातवां स्थान था, जिसे उन्होंने इस साल चौथे स्थान तक बढ़ा लिया। उनकी ये निरंतरता सराहनीय है और उनकी खुद की सीमाओं को पार करने की क्षमता दर्शाती है।
सेमा कहते हैं, 'यह पदक मेरे लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसने मुझे यह विश्वास दिलाया है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। मेरे सभी साथी खिलाड़ी और कोच मेरे इस सफर में सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत रहे हैं।'
सेमा का यह पदक भारत के लिए विशेष है क्योंकि इससे भारत की कुल पदक संख्या 27 हो गई है। यह बात दर्शाती है कि भारतीय पैरा-एथलीटों के प्रदर्शन में कितना सुधार हुआ है और वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किस तरह बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
अन्य भारतीय विजेताओं का उल्लेख
पेरिस पैरालिम्पिक्स 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद उम्दा रहा है और कई खिलाड़ियों ने विभिन्न खेलों में पदक जीते हैं। उनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:
- अवनि लेखरा
- मोना अग्रवाल
- प्रीती पाल
- मनीष नरवाल
- रूबिना फ्रांसिस
- निशाद कुमार
- योगेश कथुनिया
- नितेश कुमार
- मनीषा रमदास
- थुलसीमथी मुरुगेसन
- सुहास यथिराज
- राकेश कुमार और शीतल देवी
- सुमित अंतिल
- निथ्या स्रे सिवन
- दीप्ति जीवनजी
- शरद कुमार
- मरियप्पन थंगवेलू
- अजीत सिंह
- सुंदर सिंह गुर्जर
- सचिन खिलारी
- हरविंदर सिंह
- धरमबीर
- प्रणव सूरमा
- कपिल परमार
- प्रवीण कुमार
इन सभी खिलाड़ियों ने अपने कठिन संघर्ष और अदम्य साहस के बल पर यह सफलता प्राप्त की है। उनकी यह यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह साबित करती है कि एक मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कुछ भी संभव है।
भारत के इन खिलाड़ियों की सफलता न सिर्फ हमें गर्व का अनुभव कराती है, बल्कि अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनती है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में ये खिलाड़ी और भी ऊंचाइयों को छूएंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।
होकातो होताज़े सेमा और अन्य सभी खिलाड़ियों को हमारे तरफ से ढेरों शुभकामनाएं और आने वाले प्रयासों के लिए हार्दिक बधाई। उनका यह संघर्ष और सफ़र हमें यह सिखाता है कि उम्मीद और मेहनत के दम पर किसी भी चुनौती को मात दी जा सकती है।