बोनस शेयर – पूरी गाइड

जब बात बोनस शेयर, कंपनी द्वारा मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त मुफ्त शेयर देकर पूँजी बढ़ाने का तरीका की आती है, तो कई निवेशक पूछते हैं कि यह किस तरह के पोर्टफ़ोलियो को बदलता है। शेयर बाजार, भारत का स्टॉक एक्सचेंज जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे‑बेचे जाते हैं में बोनस शेयर अक्सर सेंसक्स (सेंसक्स, बैंकिंग‑सेक्टर्स के साथ प्रमुख 30 कंपनियों का इंडेक्स) और निफ्टी (निफ्टी, फाइनांसियल सर्विसेज़ से जुड़े 50 स्टॉक्स का बेंचमार्क) की चाल को प्रभावित कर सकता है। बोनस शेयर का उद्देश्य शेयरधारकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर देना है, जिससे कंपनी की बुक वैल्यू बढ़ती है और अक्सर शेयर की लिक्विडिटी में इज़ाफ़ा होता है।

बोनस शेयर से जुड़ी मुख्य बातें

बोनस शेयर कंपनी की मौजूदा शेयरधारकों को एक तय अनुपात में जारी किया जाता है, जैसे 1:2 (एक शेयर पर दो बोनस)। यह अनुपात स्तर‑समान तथा प्री‑एक्ज़िस्टिंग शेयरों के आधार पर तय होता है, इसलिए छोटे निवेशकों को भी समान लाभ मिलता है। बोनस शेयर के बाद शेयरों की कुल संख्या बढ़ जाती है, जबकि शेयर की कीमत सामान्यतः उसी अनुपात में गिरती है। इस मूल्य घटाव से बाजार में कुल मार्केट कैप नहीं बदलता, लेकिन ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि देखी जा सकती है।

बोनस शेयर और IPO (इनीशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) के बीच घनिष्ठ संबंध है। कई कंपनियां IPO के बाद बोनस शेयर देती हैं ताकि नई सेटा शेयरधारकों को आकर्षित किया जा सके और शेयर की पहुंच बढ़ाई जा सके। दोहरा प्रभाव—IPO से फंडिंग और बोनस से शेयरधारक विश्वास—बाजार में सकारात्मक सेंटिमेंट बनाता है, जिससे सेंसक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क में सुधार की संभावना बढ़ती है।

टैक्स के मामले में बोनस शेयर आमतौर पर कर‑मुक्त होते हैं, क्योंकि ये मुफ्त में मिलते हैं। हालांकि, जब इन बोनस शेयरों को बेचते हैं, तो कैपिटल गैन्स टैक्स लागू हो सकता है, और यह टैक्स बेसिस उस समय की बाजार कीमत पर निर्भर करता है जब बोनस जारी किया गया था। निवेशकों को यह समझना चाहिए कि बोनस शेयर रख‑रखाव में कम जोखिम होता है, परंतु बिक्री के समय सही टाइमिंग जरूरी है।

बोनस शेयर की घोषणा अक्सर मौसमी या वार्षिक परिणामों के बाद आती है, क्योंकि कंपनियां अपने लाभांश के हिस्से को पुनः आवंटित करके बोनस के रूप में शेयरधारकों को देती हैं। इस दौरान कंपनी की आय और बुक वैल्यू दोनों में सुधार दिखता है, जिससे निवेशकों को आश्वासन मिलता है। इसलिए, बोनस शेयर के प्रकट होने वाले तिमाही परिणामों को पढ़ना और कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को समझना लाभदायक रहता है।

अंत में, बोनस शेयर न केवल शेयरधारकों को मुफ्त लाभ देता है, बल्कि बाज़ार में तरलता और निवेशकों के विश्वास को भी बढ़ाता है। नीचे आप देखेंगे कि हाल के बोनस शेयर हुई घोषणाओं ने सेंसक्स‑निफ्टी को कैसे प्रभावित किया, किस तरह के निवेश रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं, और विभिन्न उद्योगों में बोनस शेयर के उदहारण कौन‑से हैं। इन जानकारियों से आप अपने पोर्टफ़ोलियो को समझदारी से मैनेज कर सकते हैं और संभावित अवसरों को पकड़ सकते हैं।

अक्तू॰ 14, 2024
raja emani
विप्रो बोर्ड द्वारा बोनस शेयर निर्गम पर विचार: निवेशकों के लिए एक सुअवसर
विप्रो बोर्ड द्वारा बोनस शेयर निर्गम पर विचार: निवेशकों के लिए एक सुअवसर

विप्रो के निदेशक मंडल ने 2024 की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों के साथ बोनस शेयर जारी करने पर विचार करने का निर्णय लिया है। यह कदम शेयर की तरलता बढ़ाने और इसे निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। बोनस शेयर मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त मुहैया कराए जाते हैं, जिन पर कोई अतिरिक्त लागत नहीं लगती।

आगे पढ़ें
अग॰ 23, 2024
raja emani
CDSL के शेयर बोनस शेयर एक्स-डेट पर 8% उछले: निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी
CDSL के शेयर बोनस शेयर एक्स-डेट पर 8% उछले: निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी

सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) के शेयर कीमत में एक्स-डेट पर लगभग 8% की बढ़ोतरी हुई। यह बढ़ोतरी 24 अगस्त 2024 को निर्धारित रिकॉर्ड डेट से पहले शेयरधारकों के लिए बोनस शेयर योग्य होने के अवसर को चिन्हित करती है। इस दिन शेयर की कीमत ने इंट्राडे हाई 1558.85 रुपये प्रति शेयर पर पहुँचाई।

आगे पढ़ें