वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024: अल्पसंख्यक सम्पत्तियों पर पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024: अल्पसंख्यक सम्पत्तियों पर पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का परिचय

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। इस विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में भारी बदलाव प्रस्तावित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है, जो कि एक महत्वाकांक्षी कदम माना जा रहा है।

नई Collector की नियुक्ति

विधेयक के अनुसार, वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए 'Collector' का पद सृजित किया गया है। यह Collector पहले से ही वक्फ बोर्ड के पास मौजूद अधिकारों का प्रयोग करेंगे। इससे वक्फ संपत्तियों को लेकर होने वाले विवादों का निपटारा और यह निर्धारण करना कि कोई संपत्ति वक्फ है या सरकारी संपत्ति, अब Collectors के माध्यम से होगा।

सूचना का नया पोर्टल

विधेयक में वक्फ संपत्तियों की विस्तृत जानकारी एक सरकारी पोर्टल और डेटाबेस पर दाखिल करने का प्रावधान भी शामिल है, जिसे पंजीकरण के एक महीने के भीतर पूरा करना होगा। यह कदम वक्फ संपत्तियों के बारे में पारदर्शी और सटीक जानकारी प्रदान करेगा, जो कि उनकी वास्तविक स्थिति को समझने में मददगार साबित होगा।

सर्वे कमिश्नर का पद समाप्त

सर्वे कमिश्नर का पद समाप्त कर दिया गया है और अब Collector प्रारंभिक सर्वेक्षणों का संचालन करेंगे। इससे वक्फ संपत्तियों की सूची का प्रकाशन और भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के पहले राजस्व अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नोटिस जारी करने का प्रावधान भी शामिल है।

वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले की न्यायिक समीक्षा

विधेयक में प्रावधान किया गया है कि वक्फ ट्रिब्यूनल द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह अंतिम नहीं होगा। इसे चुनौती देने के लिए दो साल तक का समय मिलेगा। इससे वक्फ संपत्तियों के संबंध में निष्पक्षता और न्याय का अनुपालन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।

नए बोर्ड का निर्माण

विधेयक में बोहरा और आघखानी समुदायों के लिए एक अलग बोर्ड का गठन करने का भी प्रावधान है। यह कदम विभिन्न मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

सरकारी हस्तक्षेप पर चिंताएं

हालांकि विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है, लेकिन इससे सरकारी हस्तक्षेप को लेकर भी चिंताएं उठी हैं। इसे अल्पसंख्यक स्वायत्तता की संभावित समाप्ति के रूप में देखा जा रहा है।

संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया विधेयक

संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया विधेयक

इन सभी परिवर्तनों के मद्देनजर, विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास समीक्षा और विचार के लिए भेजा गया है। समिति विस्तृत अध्ययन करेगी और संबंधित सभी पक्षों की राय को ध्यान में रखते हुए अपने सुझाव देगी। यह प्रक्रिया विधेयक को और अधिक संतुलित और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से की गई है।

भविष्य की दिशा

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह धार्मिक और सामाजिक ध्रुवीकरण को भी प्रभावित कर सकता है। इसका अंतिम रूप कैसी दिशा में जाएगा, यह संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों और सरकारी निर्णयों पर निर्भर करेगा।

विधान में शामिल प्रावधानों की जटिलता और उनसे उत्पन्न होने वाली संभावित चुनौतियों से यह स्पष्ट है कि यह विषय आने वाले समय में चर्चा का प्रमुख केंद्र बना रहेगा।