अक्टूबर 2025 का तिथिक्रम: दिवाली, दशहरा, करवा चौथ व अन्य प्रमुख त्यौहार

अक्तू॰ 1, 2025
raja emani
अक्टूबर 2025 का तिथिक्रम: दिवाली, दशहरा, करवा चौथ व अन्य प्रमुख त्यौहार

जब दिवाली का पाँच‑दिन का उत्सव अक्टूबर 20, 2025 को शुरू हुआ, तो पूरे भारत में लाइट्स, मिठाइयाँ और शॉपिंग की धूम कवायद पर थी। यह महीना सिर्फ दशहरा या करवा चौथ नहीं, बल्कि आठ बड़े त्यौहारों का एक ही दिन (1 अक्टूबर 2025) पर मिलना‑जुलना है, जो हिन्दू कैलेंडर को इतिहास में सबसे रंगीन बनाता है। इस गहन तिथिक्रम को समझना सिर्फ धार्मिक जानकारी नहीं, बल्कि सामाजिक‑आर्थिक असर, यात्रा‑प्रवासन और ई‑कॉमर्स की हलचल को भी उजागर करता है।

अक्टूबर 2025 का त्यौहार‑परिचय

अक्टूबर 2025 में श्रावण nakshatra के अन्तर्गत अश्विन शुक्ल नवमी तिथि के साथ आठ प्रमुख त्यौहार एक साथ पड़ते हैं—महानवमी, सरस्वती बलिदान, सरस्वती विसर्जन, आयुर्वेद पूजा, दुर्गा बलिदान, बंगाल महा नवमी, दक्षिण सरस्वती पूजा और बुद्ध जयंती। इस जटिल तालिका को Drikpanchang.com के एल्गोरिद्म ने सटीक गणना की है, और कई स्थानीय कैलेंडर इसे मानते हैं।

विकल्प‑विकास: मुख्य त्यौहारों की क्रमवार झलक

  • 2 अक्टूबर, 2025 – दशहरा (विजय दशमी): नौ‑दिन के नवरात्रि के समापन पर, राम‑रावण की कथा को याद किया जाता है। दुर्गत पूजा, मंचों पर रावण दहन, और उत्तर प्रदेश‑केसियों में भव्य रथ यात्रा होती है।
  • 6 अक्टूबर, 2025 – कोजागिरी पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा): चाँदनी रात में लाकड़ी के दीप जलाकर, लोग चावल‑दूध की खीर लेकर रात्रि जागरण करते हैं।
  • 10 अक्टूबर, 2025 – करवा चौथ: विवाहित महिलाएँ सुबह से चाँद देखने तक उपवास रखती हैं, जिससे पति‑पतिके दीर्घायु की कामना होती है।
  • 18 अक्टूबर, 2025 – धनतेर‑दिवाली की पूर्व‑शुभारंभ: घर‑घर में सोने‑चाँदी, नए बर्तन खरीदे जाते हैं, ताकि वर्ष‑भर की समृद्धि मिले।
  • 20 अक्टूबर, 2025 – मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजा): आयोध्या में राम का स्वागत, लाइट‑ऑफ़ और पटाखे, और भारत‑भर में ऑनलाइन शॉपिंग की तीव्रता।
  • 22 अक्टूबर, 2025 – गुजराती नववर्ष: गुज़रात में नया व्यावसायिक वर्ष शुरू होने पर हिसाब‑किताब की पुस्तिकाएँ नई लिखी जाती हैं।
  • 27 अक्टूबर, 2025 – छठ पूजा: उत्तर भारत में सूर्य देव को सूर्योदय‑सूर्यास्त दोनों समय जल में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
  • 29‑30 अक्टूबर, 2025 – गोवर्धन पूजा: कृष्ण द्वारा पहाड़ी उठाने की कथा के अनुसार, भक्त लोग गोवर्धन की मूरत के चारों ओर धूप‑दीप अर्पित करते हैं।

स्थानीय रीत‑रिवाज़ व प्रदेशीय विविधताएँ

भिन्न‑भिन्न राज्यों में उसी त्यौहार के अलग‑अलग स्वरूप होते हैं। उदाहरण के तौर पर, पश्चिमी भारत में दिवाली पर दही‑हांडी और बटेटा लड्डू प्रमुख हैं, जबकि उत्तर में पटाखे और आरती का ज़ोर अधिक है। करवा चौथ के दौरान पंजाब में महिलाएँ अक्सर सिंगार‑सजावट के साथ पायल और नथिया पहनती हैं, जबकि बिहार में सिख महिलाें ‘संध्या रोटी’ बनाकर उपवास तोड़ती हैं। छठ पूजा के जल‑कुंड के रूप में घनी जलधारा, तालाब, या गंगा किनारा सभी प्रयोग किए जाते हैं, जिससे स्थानीय जल‑प्रदूषण पर भी प्रकाश पड़ता है।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

औद्योगिक रूप से देखें तो दिवाली‑सीजन में ई‑कॉमर्स बिक्री पिछले साल के मुकाबले 30 % तक बढ़ती है—अलग‑अलग रिपोर्टें इस आंकड़े को 32 % तक पुष्ट करती हैं। रिटेलर Flipkart ने 2025 में 2 अर्ब डॉलर की अतिरिक्त GMV (Gross Merchandise Value) हासिल करने का लक्ष्य रखा। शराब और पटाखे कंपनियों के लिये भी इस महीने का राजस्व लगभग 15 % अधिक होता है। दूसरी ओर, पर्यावरण विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि पटाखे‑वायु प्रदूषण में 40 % तक इज़ाफ़ा कर सकते हैं, जिससे दिल्ली‑अंडमान में PM2.5 स्तर अत्यधिक हो जाता है।

विशिष्ट समय‑सारिणी और अष्टांगसिद्धान्त

तिथियों के साथ‑साथ साक्षी समय‑आधार भी दी गई है—जैसे चहठ पूजा के लिये सूर्योदय 06:10 ए.एम. और सूर्यास्त 06:02 पी.एम. के बीच अर्घ्य देना अनिवार्य है। गोवर्धन पूजा में अस्थायी तिथियां 09:23 ए.एम. (29 अक्टूबर) से 10:06 ए.एम. (30 अक्टूबर) तक निर्धारित हैं। ये समय‑निर्देश भारतीय मानक समय (IST) पर आधारित हैं, परन्तु उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में 30 मिनट आगे/पीछे हो सकते हैं।

भविष्य की ओर नज़र

जैसे जैसे डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन रसीदें बढ़ेंगी, इन त्यौहारों की ट्रेड‑इकोसिस्टम से जुड़ी लेन‑देन और भी सहज होगी। परन्तु पर्यावरणीय चुनौतियां—जैसे प्लास्टर‑बजरी कचरा और जल‑प्रदूषण—को कम करने के लिये सरकारें ‘हरित दिवाली’ जैसे पहल को सख्त रूप से लागू कर रही हैं। अगले साल (2026) के तिथियों की घोषणा भी Drikpanchang.com से होगी, और उम्मीद है कि इस बार सूर्य‑उत्सव के लिये जल‑संरक्षण उपायों की भी अधिक चर्चा होगी।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

दिवाली के दौरान किन-किन वस्तुओं की खरीदारी सबसे अधिक बढ़ती है?

सेरामिक, सोना‑चांदी, और नई रसोई‑घर की चीजें सबसे ज़्यादा खरीदी जाती हैं। विशेषकर Flipkart और Amazon.in ने अपने प्लैटफ़ॉर्म पर ‘दीपावली सुपर सेल’ चलाते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन पर 20‑30 % डिस्काउंट दिया।

करवा चौथ में उपवास तोड़ने की सही विधि क्या है?

उपवास केवल तब ही तोड़ा जाता है जब चाँद को छलनी से देख कर पहली झिल्ली दिखे। फिर एक घूंट पानी, ठेले में तैयार किया गया ‘सूरज’ (सेंव) और मेवा‑फरमेंट मिलाकर मुंह में रखकर हर्लीफ़ल किया जाता है। अलग‑अलग क्षेत्रों में यह रीति‑रिवाज़ थोड़ा बदल सकती है, पर मूल सिद्धांत वही रहता है।

छठ पूजा का सामाजिक महत्व क्या है?

छठ पूजा न केवल सूर्य देव के प्रति आस्था को दर्शाती है, बल्कि जल‑संग्रह, सामुदायिक स्वच्छता और महिलाओं की शक्ति को भी उजागर करती है। पूजा के दौरान नदी, तालाब या झील में स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जिससे स्थानीय जल‑गुणवत्ता में सुधार दिखता है।

दुर्भावनापूर्ण पटाखों के बजाय क्या विकल्प अपनाए जा सकते हैं?

‘हरित दिवाली’ के तहत LED लाइट्स, ड्रोन शो और ध्वनि‑प्रभाव का उपयोग बढ़ रहा है। कई शहरों में अब परम्परागत पटाखे पर प्रतिबंध है, और सरकार ने पर्यावरण‑संकुल अभिनव प्रदर्शनों को प्रोत्साहित किया है, जिससे ध्वनि प्रदूषण कम होता है और बच्चों को सुरक्षित रूप से उत्सव मनाने का मौका मिलता है।

अक्टूबर 2025 में सबसे महत्वपूर्ण तिथि कौन सी है और क्यों?

1 अक्टूबर को आठ महान् त्यौहार एक साथ पड़ते हैं, जिससे यह दिन हिंदू तिथि‑कैलेंडर में अभूतपूर्व माना जाता है। यह बहु‑धार्मिक समागम न केवल आध्यात्मिक एकता को दर्शाता है, बल्कि यात्रा, व्यावसायिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी असाधारण उछाल लाता है।

10 Comments

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    Rashi Jaiswal

    अक्तूबर 1, 2025 AT 19:18

    वाह! अक्टूबर का तिथिक्रम वाकई में दिमाग़ उड़ा देने वाला है। दिवाली, दशहरा, करवा चौथ… सब एक साथ, मतलब पूरे देश में रोशनी और ख़रीदारी की फुहार आ जाएगी। ऑनलाइन शॉपिंग की दौड़ में सबकी जूते उड़ते दिखेंगे, और छोटे‑बड़े दो‑तीन प्लेटफ़ॉर्म पर डिस्काउंट की धूम मचेगी। जितनी खुशी है, उतना ही थोड़ी‑बहुत तनाव भी है‑ क्योंकि लोग प्लानिंग में फँस जाते हैं। लेकिन देखो, अब हर एक त्यौहार का अपना डिजिटल पेमेंट विकल्प है, तो लेन‑देन आसान हो गया है। बस, थोड़ा‑बहुत सावध रहेँ, क्योंकि हर चीज़ में रिश्सिता है।

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    Maneesh Rajput Thakur

    अक्तूबर 2, 2025 AT 04:53

    आपकी जानकारी सही है, लेकिन यह याद रखिए कि तिथि‑गणना में एक अंशिक त्रुटि भी हो सकती है।

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    ONE AGRI

    अक्तूबर 3, 2025 AT 03:06

    अक्टूबर 2025 में आठ प्रमुख त्यौहार एक साथ पड़ने से समाज की सांस्कृतिक ताने‑बाने में नया रंग बिखरता है।
    इस बहु‑धार्मिक संगम को देखते हुए, कई शहरों में यात्रा‑पैकेज की कीमतें अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गई हैं।
    लोकल लोगों का कहना है कि इस महीने में गाँव‑शहर के बीच आवागमन में लगभग 30% की वृद्धि देखी गई है।
    ई‑कॉमर्स प्लैटफ़ॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक सामान, सोना‑चांदी और मिठाइयों की बिक्री में दो‑तीन गुना तक उछाल आया।
    इस आकर्षण के पीछे एक कारक है, कि अब डिजिटल भुगतान सुरक्षित और तेज़ हो गया है, जिससे लोग देर‑रात तक खरीदारी कर सकते हैं।
    हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक साथ इतने सारे पटाखे और जल‑प्रदूषण बढ़ेगा, जो लंबे‑समय में हवा की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है।
    दिल्ली‑आसपास के क्षेत्रों में PM2.5 स्तर 40% तक बढ़ने के आँकलन हैं, और यह संख्या स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल रही है।
    इस स्थिति को सुधारने के लिये कुछ राज्यों ने ‘हरित दिवाली’ की पहल शुरू की है, जिसमें LED लाइट्स और ड्रोन शो को बढ़ावा दिया जा रहा है।
    सामाजिक रूप से, कई महिला समूहों ने इस अवसर को अपने व्यावसायिक उद्यमों को दिखाने का मंच बना लिया है, और घर‑घर में छोटे‑छोटे कारखाने खोल रहे हैं।
    से इससे रोजगार की संभावनाएँ बढ़ती हैं, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ महिलाओं को स्वरोज़गार मिल रहा है।
    धार्मिक स्तर पर, लोग इस बात का अभिमान महसूस करते हैं कि उनका कैलेंडर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अद्वितीय है।
    विज्ञानियों ने भी कहा है कि इस तरह के संयोग में खगोलीय गणना की सटीकता बढ़ती है, जिससे भविष्य में अधिक सटीक तिथियाँ निकाली जा सकती हैं।
    आर्थिक दृष्टि से, रिटेलर और स्टार्ट‑अप दोनों को इस महीने के डेटा से सीख लेकर अगली बार की रणनीति बनानी चाहिए।
    अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस अक्टूबर में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं का संतुलन बनाना एक चुनौती है, पर साथ ही अवसर भी।
    आशा है कि सभी लोग इस उत्सव को जिम्मेदारी और खुशी के साथ मनाएँ, जिससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर और भी चमकेगी।

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    Himanshu Sanduja

    अक्तूबर 4, 2025 AT 01:20

    बहुत बढ़िया लेख, सभी मुख्य तिथियों को इथेरेटर वाला तरिके से समझाया गया है, पढ़ते‑पढ़ते मैं भी उत्सव की तैयारी कर दिया!

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    Kiran Singh

    अक्तूबर 4, 2025 AT 20:46

    👍✨ बिल्कुल! आप जैसे एहम खुदरा‑उपभोक्ता को प्रेरित करने वाले पोस्ट्स से हम सब को मोटिवेशन मिलता है, चलिए सब मिलकर हरियाली‑दिवाली मनाते हैं 🌱🎆

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    Balaji Srinivasan

    अक्तूबर 5, 2025 AT 16:13

    मैं इस महीने के आर्थिक आँकड़ों को लेकर थोड़ा आशावादी हूँ, क्योंकि ऑनलाइन बिक्री की वृद्धि सेंटर में नई नौकरियां खोल सकती है।

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    Hariprasath P

    अक्तूबर 6, 2025 AT 11:40

    देखो भइया, मै तो कहूँगा कि इतना इवेंट ट्रैफ़िक ने तो फिज़ीली इनिशिएटेड इकोसिस्टम को रिफ़्रेश कर दिया है, लेकिन हाँ, प्लास्टिक वेस्ट पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।

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    Vibhor Jain

    अक्तूबर 7, 2025 AT 07:06

    वाह, अब तो हर त्यौहार में शॉपिंग-सेल का नया रेकॉर्ड बनना ही तय हुआ, बास बहुत बढ़िया, जैसे हम सबको केवल खपत ही चाहिए।

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    Rashi Nirmaan

    अक्तूबर 8, 2025 AT 02:33

    ऐसे काल्पनिक लेखन से देश की सांस्कृतिक धरोहर का अपमान होता है; हमें वास्तविक ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित, शुद्ध और सच्ची जानकारी प्रस्तुत करनी चाहिए, न कि केवल व्यावसायिक लाभ के प्रमोशन।

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    Ashutosh Kumar Gupta

    अक्तूबर 8, 2025 AT 22:00

    यह पढ़ते ही मेरे मन में वह पुरानी यादें ताज़ा हो गईं जब बचपन में पूरे गाँव में दिवाली की रौनक देखी जाती थी, अब डिजिटल युग में वही प्यार और जश्न फिर से महसूस होना चाहिए, यही असली भावना है।

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