बार्सापारा में न्यूज़ीलैंड ने बांग्लादेश को 100 रनों से हराया, विश्व कप में पहली जीत

अक्तू॰ 11, 2025
raja emani
बार्सापारा में न्यूज़ीलैंड ने बांग्लादेश को 100 रनों से हराया, विश्व कप में पहली जीत

जब सोफी डिविन, कप्तान और न्यूज़ीलैंड महिला क्रिकेट टीम ने 10 अक्टूबर 2025 को बार्सापारा स्टेडियम, गुवाहटी, असम में बांग्लादेश को 100 रनों से हरा कर अपना पहला जीतका स्वाद चखा, तो यह क्षण भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिये भी यादगार बन गया। यह मैच ICC वूमेन वर्ल्ड कप 2025बार्सापारा स्टेडियम, गुवाहटी के 11वें वनडे में हुआ।

इतिहास और पृष्ठभूमि

टूर्नामेंट की शुरुआत में न्यूज़ीलैंड की टीम दो लगातार हार का सामना कर रही थी – इंडोर में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ। दोनों मैचों में उन्हें बिनाबारी संख्याएँ मिलीं, फिर भी सोफी डिविन ने अपनी सदी (100 रन) भी बनाई थी। दूसरी ओर, बांग्लादेश (बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम) ने अपनी पहली जीत पाकिस्तान के खिलाफ हासिल की और इंग्लैंड के खिलाफ कड़ी लड़ाई दिखा कर चोटिल हो गया था। इस जीत ने दोनों टीमों को इस मैच की महत्ता को समझा दिया।

मैचा की मुख्य झलकियां

बार्सापारा के पिच पर स्पिनर को मदद मिलने की उम्मीद थी, इसलिए दोनों पक्षों ने अपने तेज़ बॉलरों को सीमित किया और लैग-स्पिन को प्रमुख बनाया। न्यूज़ीलैंड ने पहले बैटनिंग में 236/5 तक पहुंचा, जिसमें सोफी डिविन ने तेज़ गति से 78 रन बनाये। बांग्लादेश के फाइका खतुन (लेग-स्पिनर) ने फिर भी 3 विकेट लिये, पर न्यूज़ीलैंड की साझेदारी ने लक्ष्य को सुरक्षित कर दिया।

  • न्यूज़ीलैंड की कुल बनावट: 236/5 (50 ओवर)
  • सोफी डिविन के अंक: 78 (52 गेंद, 6 चौके)
  • बांग्लादेश की गेंदबाज़ी में प्रमुख: फाइका खतुन 3/16
  • बांग्लादेश जवाबी इनिंग: 136 सभी आउट (49 ओवर)
  • विजय अंतर: 100 रन

बांग्लादेश की इनिंग में सालमा क़ुतुब (ऑफ़‑स्पिन) ने 2 विकेट लिये, पर उनका 45 रन का समर्थन पर्याप्त नहीं रहा। अंत में न्यूज़ीलैंड ने 100 रन से जीत हासिल की, जो उनके टॉर्नामेंट के लिए मोड़ बन गया।

दुर्लभ प्रतिक्रियाएँ और टिप्पणी

मैच के बाद सौफी डिविन ने कहा, "हमारी टीम ने दबाव में बेहतर खेल दिखाया, और यही चीज़ हमें अगले मैच में भी चाहिए।" उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि उछाल के बाद "हमारी साइड ने पूरी मैच में एकजुटता दिखाई"।

दूसरी ओर बांग्लादेश की कप्तान निगर सुल्ताना जोटी ने कहा, "हमारी गेंदबाज़ी ने कुछ अच्छे मोमेंट्स दिखाये, पर बैटनिंग में हमें जल्दी गति नहीं मिल पाई।" उन्होंने अपनी टीम को आगे के मैचों में बेहतर शॉट चयन के लिये प्रोत्साहित किया।

टूर्नामेंट पर असर और भविष्य की राह

न्यूज़ीलैंड की इस जीत से उनके ग्रुप में अंक बढ़े और वे अब तालिका में तीसरे स्थान पर पहुँच गईं, जबकि बांग्लादेश को दो लगातार हारों के साथ नीचे गिरना पड़ा। अगला मैच न्यूज़ीलैंड का 15 अक्टूबर को मुंबई के वांखेडी स्टेडियम में पश्चिमी इंडीज़ के खिलाफ तय है, जिससे उन्हें अपनी गति बनाए रखने का मौका मिलेगा। बांग्लादेश का सामना 14 अक्टूबर को कोलकाता के इडन गैरेज में भारत महिला टीम से होगा, जहाँ उन्हें अपने बल्लेबाज़ी को सुदृढ़ करना पड़ेगा।

इतिहास में न्यूज़ीलैंड ने बांग्लादेश के खिलाफ सात लगातार जीत दर्ज की हैं, और यह जीत उसी पंक्ति में नई जीत जोड़ती है। इस जीत से यह स्पष्ट हो गया है कि न्यूज़ीलैंड की टीम अब अपने टॉप‑ऑर्डर में स्थिरता लाने में सफल हो रही है, जबकि बांग्लादेश को अपने बैटिंग क्रम को पुनर्संरचना करने की जरूरत है।

ऐतिहासिक दृष्टिकोण और तुलना

पिछले विश्व कप (2022) में भी न्यूज़ीलैंड ने शुरुआती दो हारों के बाद अपने ग्रुप में टॉप‑फिनिशर बन कर क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। इस बार भी वही कहानी दोहराने की उम्मीद है। दूसरी तरफ, बांग्लादेश ने 2017 में पहली बार विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था, पर तब से उनकी टीम की स्थिरता में कमी आई है। इस मैच से जो सीख मिलती है, वह यह है कि स्पिन‑फ्रेंडली पिचों पर बांग्लादेश को अधिक आक्रमणात्मक बल्लेबाज़ी अपनानी चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह जीत न्यूज़ीलैंड के टूनामेंट सफर को कैसे बदलती है?

पहले दो मैचों में लगातार हार के बाद 100 रनों की बड़ी जीत से न्यूज़ीलैंड को ग्रुप में 2 अंक मिलते हैं, जिससे वे अब क्वार्टर‑फ़ाइनल की जगह के करीब पहुँच गईं। टीम का मनोबल भी बढ़ा है, और अगला मैच वांखेडी में जीत का दबाव कम रहेगा।

बांग्लादेश को इस हार से क्या सीख मिलनी चाहिए?

बैटिंग में तेज़ शुरुआत नहीं हो पाना मुख्य कारण था। स्पिन‑फ्रेंडली पिचों पर उन्हें पैर से खेलना चाहिए और सिंगल्स की बजाय बाउंड्री शॉट्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही फाइका खतुन जैसे युवा गेंदबाज़ों को और अधिक जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।

बार्सापारा स्टेडियम में कब से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन होता आया है?

बार्सापारा स्टेडियम ने पहली बार 2019 में भारत‑ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में खेला था। तब से यह एशिया के प्रमुख वैरायटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन गया है, और 2025 के वूमेन वर्ल्ड कप के कई मैचों की मेजबानी कर रहा है।

सोफी डिविन की कप्तानी में न्यूज़ीलैंड की टीम ने पहले कौन से प्रमुख बदलाव किए?

डिविन ने टॉप‑ऑर्डर में स्थिरता लाने के लिये तेज़ रन‑रेट की नीति अपनाई और स्पिनर के साथ सिम्बायोटिक साझेदारी पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने फील्डिंग में ऊर्जा बढ़ाकर प्रतिद्वंद्वी की स्कोरिंग को बाधित किया।

आगामी मैचों में कौन से प्रमुख खिलाड़ी टर्निंग पॉइंट बन सकते हैं?

न्यूज़ीलैंड के लिए बेथी कोलीन की मध्यक्रम में सामंजस्य और बांग्लादेश के लिए फाइका खतुन के स्पिनिंग बॉल्स अत्यधिक प्रभावी हो सकती हैं। दोनों खेलों में इनका प्रदर्शन टीम के भाग्य को बदल सकता है।

1 Comments

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    Anand mishra

    अक्तूबर 11, 2025 AT 03:20

    बार्सापारा में हुई इस जीत ने न्यूज़ीलैंड की टीम को नई ऊर्जा दी है। सोफी डिविन की नेतृत्वशैली ने टीम के भीतर आत्मविश्वास को बढ़ाया है। उन्होंने न केवल अपनी पारी में 78 रन बनाए, बल्कि टीम के लिए स्थिरता का उदाहरण भी पेश किया। स्पिनर के साथ साझेदारी ने पिच की विशेषताओं को भली-भांति समझा और उनका उपयोग किया। बांग्लादेश की गेंदबाज़ी ने कई मौके पैदा किए, पर न्यूज़ीलैंड ने धैर्य से खेला। इस प्रकार की स्थितियों में धीरज और दिमागी शांति बहुत महत्वपूर्ण होती है। मैच के दौरान मैदान पर दी गई फ़ील्डिंग भी उल्लेखनीय थी, जिससे विरोधी टीम के स्कोरिंग अवसर कम हुए। यह देखना दिलचस्प था कि कैसे तेज़ गेंदबाज़ों ने गति को नियंत्रित किया। न्यूज़ीलैंड के प्रमुख बल्लेबाजों ने आक्रमण की बजाय संयम को अपनाया। बांग्लादेश की फाइका खतुन ने 3 विकेट लिए, पर लक्ष्य को पार करने में असफल रही। इस जीत ने टीम को ग्रुप में तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया, जो आगे के मैचों में लाभदायक होगा। न्यूज़ीलैंड की रणनीति अब स्पष्ट दिख रही है: टॉप ऑर्डर में स्थिरता और स्पिनर के साथ सहयोग। बांग्लादेश को अपनी बैटिंग क्रम में पुनर्संरचना करनी होगी, क्योंकि शुरुआती गति कम थी। इस मैच ने दर्शाया कि बड़े मंच पर दबाव को कैसे संभालना चाहिए। अंत में, सोफी डिविन की टीम ने खेल की भावना को बनाए रखा और जीत का जश्न मनाया।

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