बिहार में भारी बारिश और तूफ़ान ने 4 अक्टूबर 2025 को कम से कम 10‑16 लोगों की जान ली, जबकि 13 लोग घायल हुए। Nitish Kumar, मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों को 4 लाख रुपये का एक्स‑ग्रैटिया देने की घोषणा की, और बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों को लगातार बादल‑आधारित मौसम के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी।
बिहार में मौसम संकट का पृष्ठभूमि
इंडिया में सितंबर‑अक्टूबर के बीच दक्षिण‑पश्चिम मोनसून की तीव्रता बढ़ जाती है, और इस बार बिहार के ऊपर घुमावदार साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने अनपेक्षित रूप से वर्षा को दो गुना कर दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 26 जिलों में गरज‑बिजली की चेतावनी जारी की, जिसमें गॉपलगंज, वैषाली, मुजफ़्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा और पटना प्रमुख हैं।
विवरणात्मक आँकड़े और मृतकों की सूची
जिला‑वार मौतों की सांख्यिकी दर्शाती है कि गॉपलगंज में वर्षा सामान्य से 1,452% अधिक रही, जबकि शीहौर में यह 1,280% तक पहुँच गया। रोहतास, भोजपुर, जहानाबाद, किशनगंज और अरवल जैसे क्षेत्रों में बिजली गिरने से सात मौतें हुईं। विशेष रूप से रोहतास जिला में दो मौतें और मुजफ़्फरपुर जिला में चार मौतें दर्ज की गईं। कुल मिलाकर लगभग 4000 से अधिक लोग पानी में डूबे घरों से बाहर निकलने में संघर्ष कर रहे थे।

सरकारी एवं राहत कार्यों की प्रतिक्रिया
स्थिति को देखते हुए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया। वे बीएमआरटी, जेपीजी, और गांव-गांव में राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। भोजपुर में आजीविका बहाल करने हेतु 15 ट्रक खाड़ी पानी हटाने के लिए भेजे गए। पटना हवाईअड्डे पर लगातार बाढ़ के कारण कई उड़ानें रद्द हो गईं, और रेलवे ट्रैक पर गिरे पेड़ ट्रेनों के संचालन को बाधित कर रहे हैं।
भविष्य के मौसम पूर्वानुमान और संभावित प्रभाव
अगले 48 घंटों में तापमान 30‑34°C तक बढ़ने की संभावना है, जबकि कमजोर हवाओं के कारण बारिश की तीव्रता कम हो सकती है। फिर भी, विश्लेषकों का मानना है कि यदि साइक्लोनिक सर्कुलेशन अभी भी क्षेत्र के ऊपर बना रहा, तो अगले दो दिनों में फिर से बवंडर‑जैसी तेज़ी से बारिश हो सकती है। इस कारण किसान, यात्राकार और व्यवसायी लोगों को सावधानी बरतने और वैकल्पिक मार्गों की योजना बनाने की सलाह दी गई है।

पड़ोस के क्षेत्रों में समान स्थितियां
बिहार के समीप पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कालिम्पोंग पहाड़ी क्षेत्रों में भी समान साइक्लोनिक प्रभाव ने लैंडस्लाइड और बाढ़ को जन्म दिया। उन क्षेत्रों में 18‑23 लोगों की मौत दर्ज हुई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि इस प्रणाली का प्रभाव केवल बिहार तक सीमित नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर इस बार की बाढ़ को "१०‑२० साल की सबसे गंभीर" कहा जा रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
किसी भी जिले में बाढ़ के कारण सबसे अधिक क्षति किस प्रकार की हुई?
गॉपलगंज में 1,452% वर्षा वृद्धि के कारण सड़कों, अस्पतालों और कई घरों में पानी का स्तर माँट तक पहुँच गया। यह ही कारण है कि वहाँ की बचाव टीमों को सबसे अधिक समय और संसाधन खर्च करने पड़े।
सरकारी मुआवजा योजना कब तक लागू होगी और उसके लिए कौन पात्र है?
मुख्यमंत्री ने तत्काल 4 लाख रुपये का एक्स‑ग्रैटिया बांटने का आदेश दिया। मृतकों के निकटतम परिवार को यह राशि 12 घंटे के भीतर बैंक ट्रांसफर के जरिए मिलनी चाहिए। यह लाभ केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने आधिकारिक रूप से मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त किया है।
क्या निरंतर बारिश के चलते अगली ट्रेन या उड़ानें रद्द रहेंगी?
इंडियन रेलवे ने घोषणा की है कि अगले दो दिनों में भारी बारिश के कारण कई सेक्शन में गति सीमित रहेगी। पटना हवाई अड्डे ने भी अस्थायी रूप से सभी घरेलू उड़ानें रोक दी हैं, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा योजनाएं बनानी पड़ेंगी।
भविष्य में ऐसे मौसम संकट से बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि जल निकासी प्रणाली को आधुनिक बनाकर, अधिक मजबूत बाढ़ प्रतिरोधी इमारतें बनाकर और चेतावनी प्रणाली को तेज़ करके इस तरह के संकट को कम किया जा सकता है। साथ ही, स्थानीय स्तर पर सामुदायिक बचाव टीमों का गठन भी मददगार रहेगा।
priyanka k
अक्तूबर 6, 2025 AT 20:42सरकार का यह कदम तो बिल्कुल प्रभावी है, जैसे हर बाढ़ में ही 4 लाख मिलते हों। 😊