कश पटेल की दोहरी भूमिका
कश पटेल, जिन्हें हाल ही में एफबीआई डायरेक्टर के रूप में चुना गया था, अब एटीएफ के अंतरिम प्रमुख भी बने हैं। यह नियुक्ति 24 फरवरी, 2025 को हुई, और इसके तुरंत बाद राजनीतिक गर्माहट देखने को मिली। एफबीआई के लिए उनकी पुष्टि एक करीबी मतदान (51-49) से हुई थी, जिसमें दो रिपब्लिकन सांसदों ने डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर उनके खिलाफ मतदान किया था।
पटेल की इस नियुक्ति ने राजनीतिक तल्खी को और बढ़ाया जब प्रतिनिधि सभा की सदस्य रॉबिन केली ने उन्हें 'गन लॉबी की कठपुतली' कहकर आलोचना की। दूसरी ओर, नेशनल राइफल एसोसिएशन ने उनके एटीएफ में सुधारात्मक कदमों की सराहना की।

गन नियंत्रण पर राजनीतिक संघर्ष
पटेल का दोहरे पदों पर आसीन होना, उनके प्रबंधन अनुभव को लेकर चिंताओं को जन्म देता है। हालाँकि, उन्हें गन समर्थक समूहों और उन रिपब्लिकन्स का समर्थन मिला है जो लंबे समय से एटीएफ के गन नियंत्रण संबंधी नियमों का विरोध कर रहे हैं। एटीएफ का काम संघीय गन नियमों को लागू करना, डीलरों को लाइसेंस देना और गन अपराधों की जाँच करना है।
यह नियुक्ति ट्रंप के उस चुनावी वादे को पूरा करती है, जिसमें उन्होंने पूर्व एटीएफ निदेशक स्टीवन डेटेलबाख को हटाने की बात कही थी। ट्रंप ने उन्हें 'कट्टर गन हथियाने वाला' करार दिया था और एटीएफ की शक्तियों को कम करने की दिशा में यह GOP के प्रयासों के अनुरूप है।
पटेल की पुष्टि प्रक्रिया में एक और विवाद जुड़ा था, ऐसी खबरें थीं कि उन्होंने एफबीआई में कुछ कर्मचारियों को निकालने के लिए निर्देशित किया, जबकि उन्होंने इसे 'सुनाई गई अफवाहें' कहकर खारिज कर दिया। इस पूरी स्थिति में पटेल की नियुक्ति ने गन नियंत्रण और सार्वजनिक सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीतिक बवाल पैदा कर दिया है।