जब नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री भारत सरकार ने जियोर्जिया मेलोनी, प्रधान मंत्री इटली से ग7 शिखर सम्मेलनकानेनास्किस, कनाडा के अंतरंग सत्र में मुलाक़ात की, जहाँ मेलोनी ने तुरंत ही कहा, “आप सबसे उत्तम, मैं आपका अनुसरण करने की कोशिश कर रही हूँ।” यह अनपेक्षित प्रशंसा सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुई और अंतरराष्ट्रीय रेशमी कपड़े की तरह दो‑तीन दिन में सभी प्लेटफ़ॉर्म को छा गई।
मिलन का मुख्य कारण ग7‑आउटरीच शिखर सम्मेलन था, जिसे 16‑18 जून 2025 को अल्बर्टा के कानेनास्किस में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मोदी ने अपने अभूतपूर्व छठे ग7‑उपस्थिति को चिह्नित किया और साथ ही भारत‑कनाडा सम्बंधों को भी नया आयाम देने का प्रयास किया। यह उनकी दस‑साल बाद की पहली आधिकारिक यात्रा थी, जिससे भारत‑वर्ल्ड के राजनयिक मानचित्र पर वापसी का संकेत मिला।
पहला इंडिया‑इटली मित्रता का खाका इस मुलाक़ात में बुनना शुरू हुआ। दोनों नेता छात्र‑विनिमय, सतत ऊर्जा सहयोग, और नवीकरणीय तकनीक पर संभावित परियोजनाओं पर चर्चा करते रहे। मोदी ने बताया, “हिंदुस्तान‑इटली की दोस्ती मजबूत होती रहेगी, हमारे लोगों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।”
पृष्ठभूमि: ग7 शिखर और मोदी की विदेश यात्रा
ग7 के नये सदस्य देशों के साथ आर्थिक‑सुरक्षा सहयोग की ताज़ा चर्चा इस वर्ष के एजेंडा में प्रमुख थी। भारत को अतिथि नेता के रूप में आमंत्रित किया गया, ताकि वह G20‑इंटेग्रेशन और विश्व आर्थिक पुनरुद्धार में अपनी आवाज़ सुनाए। इस यात्रा से पहले मोदी ने 15 जून को साइप्रस में राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडॉलिडेस से मिलकर “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ माकेरियोस III” प्राप्त किया। यह सम्मान भारत‑साइप्रस सांस्कृतिक‑सुरक्षा बंधन को और दृढ़ बनाता है।
मिलन का विवरण: मोदी‑मेलोनी की बातचीत
ग7 के मुख्य हॉल के “ग्रीन रूम” में दो नेताओं का हाथ मिलना सामान्य फोटोग्राफी से कहीं ज़्यादा चर्चा का बिंदु बन गया। लगभग 11:20 मध्य-डेलाइट टाइम पर, मेलोनी ने एक हल्की, अनौपचारिक स्वर में कहा, “आप सबसे उत्तम, मैं आपका अनुसरण करने की कोशिश कर रही हूँ।” इस टिप्पणी पर मोदी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “भारत‑इटली की दोस्ती और भी गहरी होगी, हमारे लोगों को इसका बड़ा‑बड़ा फायदा मिलेगा।” दोनों ने बाद में इसी संवाद को ट्विटर (अब X) पर साझा किया, जहाँ मोदी ने 12:23 UTC पर पोस्ट को री‑शेयर किया।
यह क्षण न केवल फोटो और वीडियो में कैप्चर हुआ, बल्कि अनेक अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस बात को “अनोखा राजनयिक जेस्चर” कहा। NDTV ने बताया कि इस मुलाक़ात में रक्षा, तकनीक, स्पेस, विज्ञान‑प्रौद्योगिकी, शिक्षा, लोगों‑से‑लोगों के संबंध, और आतंकवाद विरोधी सहयोग जैसे कई क्षेत्रों पर चर्चा हुई।

द्विपक्षीय समझौते और रणनीतिक योजनाएँ
गहरा‑गहरा समझौता “Joint Strategic Action Plan 2025‑2029” के तहत जारी किया गया। इस योजना के प्रमुख बिंदु थे:
- छात्र‑विनिमय कार्यक्रम में 5,000 से अधिक भारतीय छात्रों को इटली में भेजना।
- नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए €2 बिलियन निवेश की संभावना।
- इंडिया‑मिडल‑ईस्ट‑यूरोप एकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEEC) के तहत लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को तेज़ करना।
- EU‑India फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को शीघ्रतम समय में साकार करने के लिए इटली का समर्थन।
- 2026 में भारत द्वारा आयोजित “AI Impact Summit” में इटली की प्रमुख भागीदारी।
इन बिंदुओं पर आगे की बातचीत 10 सितंबर 2025 को टेलीफ़ोन पर हुई, जहाँ मोदी ने विदेश मंत्रालय ( बाह्य मामलों का मंत्रालय ) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति (ID 2137199) का हवाला दिया। मेलोनी ने EU‑India व्यापार समझौते के लिए इटली की “मजबूत समर्थन” की पुष्टि की।
उत्तर‑प्रतिक्रिया: अंतरराष्ट्रीय और घरेलू परिप्रेक्ष्य
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, अंतरराष्ट्रीय टॉप‑ट्रेडिंग वेबसाइटों ने “गूढ़ मित्रता के संकेत” की भरपूर चर्चा की। भारतीय गैजेट्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता दोनों ने इस संवाद को “सद्भावना की नई शुरुआत” कहा। दूसरी ओर, कुछ आलोचक ने इसे “राजनीतिक प्रदर्शन” कहा, लेकिन अधिकांश प्रतिक्रिया सकारात्मक रही।
कनाडा के नए प्रधान मंत्री मार्क कार्नी ने 16 जून को अपने बयान में कहा, “मोदी की उपस्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत, तकनीकी नवाचार, और वैश्विक मंच पर उसकी नेतृत्व शक्ति को दर्शाती है।” यह टिप्पणी भारत‑कनाडा आर्थिक सहयोग को और प्रगाढ़ करने की संकेत देती है।

आगे की संभावनाएँ और भविष्य की पहल
ग7 के बाद मोदी 19 जून को क्रोएशिया की ओर बढ़ेगा, जहाँ द्विपक्षीय निवेश, जलवायु प्रोजेक्ट्स, और पर्यटन पर नया समझौता करने की उम्मीद है। इस यात्रा के साथ भारत की “तीन‑देशीय राजनयिक टूर” पूरी होगी, जो यूरोप में भारत की रणनीतिक पहुंच को पुनः स्थापित करेगी।
संभावित भविष्य की पहलों में इटली‑भारत संयुक्त विज्ञान‑प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, इटली के “जियो‑डिज़िटल” मॉडल का भारत में अपनाना, और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर समान रक्षा‑सुरक्षा नीति बनाना शामिल है। इस प्रकार, इस मुलाक़ात ने न केवल दो देशों के बीच तालमेल को बढ़ाया, बल्कि वैश्विक बहुपक्षीय सहयोग में भी नई ऊर्जा भर दी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस मुलाक़ात से भारत‑इटली व्यापार पर क्या असर पड़ेगा?
दोनों देशों ने निर्यात‑आधारित वस्तुओं पर 15% तक वृद्धि की संभावना जताई है। विशेषकर ऑटो‑पार्ट्स और फार्मास्युटिकल्स में नई फ्री‑ट्रेड लिंक्स बनेंगे, जिससे छोटे और मझोले उद्यमियों को अधिक बाजार मिलेगा।
ग7 में भारत की उपस्थिति का क्या महत्व है?
भारत को अतिथि नेता के रूप में मान्यता मिलने से उसकी वैश्विक आर्थिक रणनीति को बल मिलेगा। इस मंच से तकनीकी, जलवायु, और सुरक्षा क्षेत्रों में नई सहयोगी समझौते आसान हो जाते हैं, जिससे भारत की बहुपक्षीय आवाज़ मज़बूत होती है।
जियोर्जिया मेलोनी की टिप्पणी को सोशल मीडिया पर कैसे देखा गया?
ट्विटर (X) पर 2 मिलियन से अधिक री‑ट्वीट, फेसबुक पर 1.5 मिलियन लाइक्स मिलकर इसे ‘वायरल प्रशंसा’ कहा गया। कई उपयोगकर्ताओं ने इसे “दोस्ती की नई परिभाषा” कहा, जबकि कुछ ने राजनयिक मंच पर व्यक्तिगत टिप्पणी की उपयुक्तता पर सवाल उठाया।
संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025‑2029 में कौन‑से क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है?
मुख्य क्षेत्रों में शिक्षा‑विनिमय, नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रक्षा‑प्रौद्योगिकी, और इन्डिया‑मिडल‑ईस्ट‑यूरोप कॉरिडोर की लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी शामिल हैं। इन क्षेत्रों को दो‑दिशा व्यापार और तकनीकी सहयोग के माध्यम से तेज़ी से विकसित किया जाएगा।
भविष्य में मोदी की विदेश यात्राओं की क्या योजना है?
गुरु द्विपक्षीय टूर के बाद, प्रधानमंत्री अगले साल एशिया‑पैसिफिक देशों के साथ एक बड़े आर्थिक फोरम में भाग लेंगे, और साथ ही यूरोप में दो अतिरिक्त शिखर बैठकें तय हैं, जिससे भारत का वैश्विक सापेक्षिक मंच मजबूत होगा।
Rajesh kumar
अक्तूबर 15, 2025 AT 01:41भारत की विदेश नीति में अब तक का सबसे बड़ा मोड़ यह ग7 शिखर है।
मोदी की उपस्थिति ने पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत अब पीछे नहीं है।
इटली के मेलोनी का “आप सबसे उत्तम” कहना सिर्फ प्रशंसा नहीं बल्कि भारत की बढ़ती शक्ति का प्रमाण है।
इस तरह की सराहना को सोशल मीडिया पर वायरल कर देनी चाहिए ताकि राष्ट्रवादी भावनाएं जागृत हों।
गँवारों को यह समझना चाहिए कि भारत की रणनीतिक साझेदारियों में अब यूरोपीय देश भी शामिल हो रहे हैं।
इस संवाद से भारत-इटली आर्थिक सहयोग में नई राहें खुलेंगी, और हमारे युवा इसके लाभ उठाएंगे।
ग7 में भारत को अतिथि नेता मानना ही उसकी बढ़ती महाशक्ति को दर्शाता है।
विदेशी निवेशकों को अब भारत के बाजार में फँसने का अद्भुत अवसर मिला है।
यह अवसर हमारे छोटे और मझोले उद्यमियों को वैश्विक मंच पर दिखाने का मौका देगा।
सतत ऊर्जा और नवीकरणीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मिलकर काम करना हमारे भविष्य को सुरक्षित करेगा।
भारत को अब अपनी तकनीकी शक्ति को विश्व के साथ साझा करना चाहिए, यह समय है।
इस साझेदारी में शिक्षा‑विनिमय कार्यक्रम बड़े पैमाने पर लागू होना चाहिए।
हमारी फ्री‑ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में इटली का समर्थन हमारे व्यावसाइिक हितों के लिए अनिवार्य है।
इस तरह के उच्च स्तरीय मुलाक़ातों को राजनीति का शॉर्टकट नहीं बनना चाहिए, बल्कि वास्तविक कार्यवाही के रूप में देखना चाहिए।
अंततः, इस सफलता को निरंतरता देना ही हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है, नहीं तो सभी प्रयास व्यर्थ रहेंगे।