GST कटौती के बाद Mahindra ने कारें 1.56 लाख तक सस्ती की, बाकी ऑटो कंपनियां भी दौड़ में

सित॰ 9, 2025
raja emani
GST कटौती के बाद Mahindra ने कारें 1.56 लाख तक सस्ती की, बाकी ऑटो कंपनियां भी दौड़ में

एक ही हफ्ते में 1.56 लाख रुपये तक सस्ती—Mahindra & Mahindra ने अपनी कई लोकप्रिय SUVs की कीमतें घटाईं। नई दरें 6 सितंबर 2025 से लागू हैं। वजह है GST ढांचे में बदलाव, जिसे 3 सितंबर को 56वीं GST काउंसिल मीटिंग में मंजूरी मिली। कंपनियां कह रही हैं कि वे यह फायदा ग्राहकों को पूरा दे रही हैं। यही वजह है कि डीलरशिप और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेटेड प्राइसिंग दिख रही है। यह GST कटौती त्योहार से पहले बाजार की रफ्तार बढ़ा सकती है।

कितनी सस्ती हुई कौन‑सी कार

महिंद्रा ने अपनी ICE (पेट्रोल/डीजल) लाइन-अप में बड़े पैमाने पर रिविजन किया है। सबसे बड़ा कट XUV3XO के डीजल वैरिएंट में दिखा। देखें प्रमुख मॉडलों में बदलाव:

  • XUV3XO (डीजल): 1.56 लाख रुपये तक सस्ती
  • XUV3XO (पेट्रोल): 1.40 लाख रुपये तक सस्ती
  • Bolero और Bolero Neo: 1.27 लाख रुपये तक सस्ती
  • Thar 2WD (डीजल): 1.35 लाख रुपये तक सस्ती
  • Thar 4WD (डीजल): 1.01 लाख रुपये तक सस्ती
  • Thar Roxx (नया): 1.33 लाख रुपये तक सस्ती
  • Scorpio Classic: 1.01 लाख रुपये तक सस्ती
  • Scorpio-N: 1.45 लाख रुपये तक सस्ती
  • XUV700: 1.43 लाख रुपये तक सस्ती

महिंद्रा का कहना है कि 18% GST स्लैब से उसके कुल वॉल्यूम (कमर्शियल सहित) का 60% से ज्यादा हिस्सा लाभ में आएगा। इस कदम का असर सिर्फ महिंद्रा तक सीमित नहीं है। Tata Motors ने भी 1.45 लाख रुपये तक कीमतें घटाईं—Harrier पर लगभग 1.40 लाख और Safari पर लगभग 1.45 लाख की कटौती। Toyota, Renault, Hyundai, Škoda, Audi, Mercedes-Benz और BMW ने भी अपने-अपने मॉडलों में कमी का ऐलान किया है। यानी पूरे पैसेंजर व्हीकल बाजार में एक साथ प्राइस-करेक्शन दिख रहा है।

त्योहार सीजन से पहले यह बदलाव डिमांड को उछाल दे सकता है। आमतौर पर नवरात्र से लेकर दिवाली तक गाड़ियों की सेल 20–30% तक बढ़ जाती है। अब जब एंट्री‑लेवल से लेकर प्रीमियम SUV तक में कीमतें नीचे जा रही हैं, तो बुकिंग काउंटर पर भीड़ बढ़ना तय है।

क्या बदला GST में और आपके लिए इसका मतलब

क्या बदला GST में और आपके लिए इसका मतलब

नए ढांचे में छोटे कार सेगमेंट पर अब 18% GST लग रहा है, जो पहले 28% था। बड़े वाहनों पर फ्लैट 40% की दर तय हुई है। इस रैशनलाइजेशन से कंपनियों को अपनी पूरी रेंज की कीमतों की नई गणना करनी पड़ी, और वहीं से यह कटौती आई है।

आपके पॉकेट पर सीधा असर क्या होगा? मान लें किसी SUV की कीमत 1.40 लाख रुपये कम हुई। पांच साल के लोन (करीब 10–11% ब्याज) पर EMI प्रति लाख लगभग 2,100–2,200 रुपये पड़ती है। ऐसे में 1.40 लाख की कमी से आपकी मासिक किस्त करीब 3,000 रुपये तक कम हो सकती है। शहर और राज्य के हिसाब से RTO टैक्स और इंश्योरेंस अलग होते हैं, तो ऑन‑रोड कीमत में फर्क भी अलग‑अलग दिखेगा।

डीलरशिप क्या कर रहे हैं? स्टोर्स और ऑनलाइन पोर्टल्स पर नई एक्स‑शोरूम कीमतें अपडेट हो चुकी हैं। आमतौर पर कंपनियां डिलीवरी/इनवॉइस की तारीख के आधार पर कीमत लागू करती हैं, इसलिए 6 सितंबर के बाद इनवॉइस होने वाली गाड़ियों पर अपडेटेड प्राइस दिखना चाहिए। अगर आपकी बुकिंग पहले की है, तो अपने सेल्स कंसल्टेंट से रिवाइज्ड प्रो‑फॉर्मा इनवॉइस तुरंत मांगें।

सप्लाई और वेटिंग पीरियड पर क्या असर? जिन मॉडलों में कट ज्यादा है—जैसे XUV3XO, Scorpio‑N, XUV700 और Thar—वहां डिमांड तेज हो सकती है। इससे कुछ वेरिएंट्स में वेटिंग बढ़ने की संभावना है। कई डीलर्स पहले से फेस्टिव इन्वेंट्री बना रहे हैं, लेकिन हाई‑डिमांड ट्रिम्स में डिलीवरी टाइम बढ़ सकता है।

कम्पटीशन की तस्वीर भी साफ है। Tata ने Harrier‑Safari पर रेट्स नीचे कर दिए हैं, तो Hyundai‑Renault जैसे ब्रांड एंट्री‑SUV और हैचबैक सेगमेंट में आक्रामक ऑफर दे रहे हैं। लग्जरी स्पेस में Audi, Mercedes‑Benz और BMW की कीमतों में कमी उन ग्राहकों को आकर्षित करेगी जो पिछले कुछ महीनों से कीमतों के कारण इंतजार में थे।

यूज्ड‑कार मार्केट पर भी असर पड़ेगा। नई कारें सस्ती होने से पुराने मॉडलों की रिसेल वैल्यू थोड़ी नरम हो सकती है, खासकर उन्हीं ब्रांड/सेगमेंट में जहां कटौती भारी है। अगर आप एक्सचेंज प्लान कर रहे हैं, तो अब डीलर से नई और पुरानी कार का संयुक्त कोटेशन लेना समझदारी होगी।

खरीदने की सोच रहे हैं? एक छोटी चेकलिस्ट काम आएगी:

  • अपनी पसंद के वेरिएंट की नई एक्स‑शोरूम कीमत डीलर और कंपनी साइट दोनों पर मिलान करें।
  • रिवाइज्ड प्रो‑फॉर्मा इनवॉइस लेकर RTO, इंश्योरेंस और हैंडलिंग चार्जेस अलग‑अलग देखें।
  • EMI री‑कैल्कुलेशन कराएं—पुराने और नए ऑफर में मासिक किस्त का फर्क नोट करें।
  • एक्सचेंज, लॉयल्टी और कॉर्पोरेट बोनस जैसे ऑफर जोड़कर वास्तविक नेट‑बेनिफिट निकालें।
  • उच्च डिमांड ट्रिम्स के लिए डिलीवरी टाइमलाइन लिखित में लें, ताकि त्योहार पर प्लानिंग आसान रहे।

मूल्य कटौती ऐसे समय आई है जब पिछले एक‑दो साल में इनपुट कॉस्ट, रेगुलेटरी बदलाव और BS‑6 अपग्रेड जैसी वजहों से कीमतें लगातार ऊपर जा रही थीं। अब टैक्स रैशनलाइजेशन का सीधा फायदा ग्राहक तक पहुंच रहा है। SUV सेडान और एंट्री कार—तीनों में खरीददारों को ज्यादा विकल्प और बेहतर डील्स मिलेंगी, और कंपनियों को वॉल्यूम बढ़ाने का मौका।