मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता विजय कदम का 67 वर्ष की आयु में निधन, लम्बे समय से कैंसर से जूझ रहे थे

अग॰ 10, 2024
अभिनव चौहान
मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता विजय कदम का 67 वर्ष की आयु में निधन, लम्बे समय से कैंसर से जूझ रहे थे

मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता विजय कदम का निधन

मराठी सिनेमा जगत के एक प्रसिद्ध नाम, विजय कदम, का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और उनका इलाज पिछले डेढ़ साल से चल रहा था। शनिवार की सुबह उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली, जिससे परिवार, मित्र और प्रशंसक शोक में डूब गए।

विजय कदम का जीवन और करियर

विजय कदम ने मराठी सिनेमा और रंगमंच की दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई थी। 1980 और 1990 के दशक में वे अनेक प्रमुख नाटकों में नजर आए। 'टौर्टौर', 'विच्छा माझी पुरी करा' और 'पाप्पा सांगा कुनेचे' जैसे प्रसिद्ध नाटकों में उनके अभिनय ने उन्हें विशेष लोकप्रियता दिलाई। उनकी अदाकारी की विविधता और गहराई ने उन्हें मराठी थिएटर के एक चमकते सितारे के रूप में स्थापित किया।

फिल्मी करियर की यादें

विजय कदम का फिल्मी सफर भी उतना ही शानदार रहा। उनकी फिल्मोग्राफी में 'चश्मे बहद्दर', 'पुलिस लाइन', 'हलद रुसली कुंकू हसला', 'तेरे मेरे सपने', 'इरसल करती', 'दे दनादन', और 'दे धड़क बेधड़क' जैसी लोकप्रिय मराठी फिल्में शामिल हैं। खासतौर पर, अपने हास्यपद किरदारों के लिए वे दर्शकों में बहुत ही प्रिय थे। उनके अद्वितीय अभिनय शैली ने उन्हें एक अद्वितीय अभिनेता के रूप में पहचान दिलाई।

अंतिम भूमिका और परिवार

विजय कदम की आखिरी भूमिका टीवी सीरियल 'ति प्रत आलीये' में थी। अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक उन्होंने अभिनय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखा। उनके निधन से मराठी सिनेमा में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है, जिसे भर पाना मुश्किल है।

विजय कदम अपने पीछे पत्नी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। उनके निधन से सभी उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। उनके अंतिम संस्कार का आयोजन आज दोपहर अंधेरी-ओशिवारा श्मशान में किया जाएगा।

विरासत और योगदान

विजय कदम की कला और अभिनय यात्रा, मराठी सिनेमा और थिएटर के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय रही है। उन्होंने जिस प्रकार से अपने किरदारों में जान डाली और दर्शकों का दिल जीता, वह हमेशा यादों में जिंदा रहेगा। उनके योगदान को देखते हुए, उनके प्रशंसक और साथी कलाकार सदैव उनके आभारी रहेंगे। उनके काम ने कई नवोदित कलाकारों को प्रेरित किया है, और उनकी विरासत मराठी सिनेमा में जीवित रहेगी।

उनका अनुभव और उनकी कला के प्रति समर्पण हमें सिखाता है कि कठिनाईयों के बावजूद अपने जुनून का पीछा करते रहना चाहिए। विजय कदम ने हमें न केवल अपने अभिनय से मनोरंजन किया, बल्कि हमें जीने का एक नया नजरिया भी दिया। उनकी मुस्कान, उनका हंसी मजाक और उनका समर्पण सदैव हमारे दिलों में बना रहेगा।

स्मृति और श्रद्धांजलि

विजय कदम के निधन ने मराठी सिनेमा जगत में एक गहरा शोक छा दिया है। उनके सहयोगियों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके यादगार नाटकों और फिल्मों का उल्लेख करते हुए लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं।

उनकी प्रतिबद्धता और उनके काम की गुणवत्ता को देख कर यह कहना गलत नहीं होगा कि विजय कदम जैसे कलाकार का जाना हमारे लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी स्मृतियाँ और उनकी कलात्मकता हमें सदैव प्रेरित करती रहेंगी। विजय कदम अमर रहें, उनकी आत्मा को शांति मिले। उनके प्रेम और समर्पण की यह कहानी सदियों तक मराठी सिनेमा के इतिहास में अंकित रहेगी।