NITI Aayog की बैठक: पीएम मोदी ने निवेशकों के लिए उदारचार्टर की मांग की, राज्यों को रैंक करने की योजना

जुल॰ 27, 2024
अभिनव चौहान
NITI Aayog की बैठक: पीएम मोदी ने निवेशकों के लिए उदारचार्टर की मांग की, राज्यों को रैंक करने की योजना

विकसित भारत के लिए पीएम मोदी का न्योता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को NITI Aayog की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ‘विकसित भारत’ और ‘जीवन की सुगमता’ पर ध्यान केंद्रित करना था। पीएम मोदी ने बैठक के दौरान राज्यों को निवेशक-हितैषी चार्टर तैयार करने का आह्वान किया और निवेश अनुकूलता के आधार पर राज्यों की रैंकिंग करने का प्रस्ताव रखा।

महत्वपूर्ण राज्यों के नेताओं की अनुपस्थिति

इस महत्वपूर्ण बैठक में 26 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर्स शामिल हुए। हालांकि, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री अनुपस्थित रहे। यह बैठक इसलिए भी खास थी क्योंकि इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले प्रमुख नेताओं ने भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने विकास योजनाओं को ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के साथ संरेखित करें।

राज्यों और केंद्र के बीच सक्षमता की आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने राज्यों को उनसे शक्तिशाली जिलो को विकास में सहायक बनाने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने साइबर सुरक्षा द्वारा पैदा हो रहे खतरे और जनसंख्या प्रबंधन के महत्व पर भी जोर दिया। सरकार का मकसद है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बने, जिसका GDP $5 ट्रिलियन हो और 2047 तक $30 ट्रिलियन तक पहुंच जाए।

ध्यान केंद्रित प्रमुख क्षेत्र

इस बैठक में शामिल प्रमुख क्षेत्रो में पीने का पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, और संपत्ति एवं भूमि का मुद्दा शामिल था, जिससे जीवन जीने में सरलता लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। सभी राज्यों से 'विकसित भारत' के लिए दृष्टिकोण पत्र को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई है, जिसपर एक महीने में अंतिम दृष्टिकोण दस्तावेज तैयार किया जाएगा।

सहयोगात्मक दृष्टिकोण

सहयोगात्मक दृष्टिकोण

‘विकसित भारत 2047’ के विजन को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग की महती आवश्यकता है। यह बैठक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह केवल केंद्र सरकार का सिद्धांत नहीं है, बल्कि हर राज्य की जिम्मेदारी है कि वह विकास की दिशा में योगदान दे।

सामान्य उद्देश्य

प्रधानमंत्री ने इस बैठक में राज्यों को एक समान उद्देश्य का पालन करने का संकेत दिया। यह तकरीबन सभी क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए जरूरी है कि सभी राज्य और केंद्र एकजुट होकर काम करें। हर राज्य को अपनी दृष्टिकोण योजना बनानी चाहिए, जिससे कि 2047 तक एक विकसित भारत का सपना साकार हो सके।

सक्षम जिला, सशक्त राष्ट्र

प्रधानमंत्री ने राज्यों से अपील की कि वे अपने जिलों को मजबूत बनाएं ताकि यह विकास के इंजन का काम कर सकें। इसका तात्पर्य है कि केवल राज्य और केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि हर जिला, हर गांव इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

इस बैठक का उद्देश्य एक स्पष्ट और उज्ज्वल भविष्य के लिए नीतियों का निर्धारण करना था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुआ यह संवाद निश्चित रूप से देश को एक नई दिशा देगा और राज्यों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कराएगा। बिना सबके सहयोग से यह संभव नहीं है, और इस बैठक ने द्वार खोल दिए हैं इस सहयोगात्मक प्रक्रिया के लिए।