निशांत देव की ओलंपिक यात्रा
भारतीय बॉक्सिंग प्रशंसकों के लिए यह खबर दिल तोड़ने वाली है कि भारतीय बॉक्सर निशांत देव का पेरिस 2024 ओलंपिक में सफर क्वार्टरफाइनल में समाप्त हो गया। देव, जिन्होंने 71 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतियोगिता की थी, अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मैक्सिको के मार्को वेर्दे से हार गए। यह हार उनके और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि निशांत देव ने प्रारंभिक दौर में बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
क्वार्टरफाइनल मुकाबले की कहानी
क्वार्टरफाइनल मुकाबला बेहद रोचक था, जिसमें दोनों बॉक्सर्स ने अपने कौशल और सहनशक्ति का पूरा परिचय दिया। निशांत ने पहले राउंड में अच्छी शुरूआत की और ऐसा लगा कि वेर्दे के लिए मुकाबला कठिन हो सकता है। लेकिन, मैच के आगे बढ़ने के साथ ही वेर्दे ने अपने अनुभव और ताकत का पूरा इस्तेमाल किया। निशांत ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन अंततः वे 3-2 के स्कोर से मैच हार गए।
निशांत का प्रदर्शन सराहनीय
हालांकि निशांत ने मुकाबला हार लिया, लेकिन उनकी यात्रा बहुत प्रेरणादायक रही। वे पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय बॉक्सर थे। उनका यह सफर चुनौतीपूर्ण ड्रॉ और कठिन प्रतिद्वंदियों का सामना करते हुए तय हुआ। देव ने हर मुकाबले में पूरी ताकत और जुनून के साथ खेला, जो उनकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।
चुनौतियों का सामना
इस प्रतियोगिता में निशांत का सफर बहुत मुश्किल रहा। उन्होंने क्वालिफायर राउंड में इक्वाडोर के जोसे रोड्रिगेज को हराकर क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बनाई थी। उनके ड्रॉ में कुछ सबसे मुश्किल प्रतिद्वंदियों के नाम थे, लेकिन निशांत ने अपने आत्मविश्वास और तकनीक का पूरा इस्तेमाल करते हुए उन्हें मात दी।
भविष्य की उम्मीद
निशांत की हार के बाद भी भारतीय बॉक्सिंग दल ने उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं। अभी भी निकहत जरीन, लवलीना बोरगोहेन और अमित पंघाल जैसे बॉक्सर अपने वर्गों में पदक के लिए मुकाबला कर रहे हैं। इनके प्रदर्शन से देश को काफी उम्मीदें हैं।
निशांत देव की इस अद्वितीय यात्रा को भले ही सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने भारतीय बॉक्सिंग इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। उनकी तपस्या, समर्पण और संघर्ष की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी।