प्रधान सचिव-2 के रूप में शक्तिकांत दास की नियुक्ति: पीएम मोदी की आर्थिक रणनीति में नया मोड़

मार्च 4, 2025
अभिनव चौहान
प्रधान सचिव-2 के रूप में शक्तिकांत दास की नियुक्ति: पीएम मोदी की आर्थिक रणनीति में नया मोड़

शक्तिकांत दास की नई भूमिका

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्ति ने राजनीतिक और आर्थिक गलियारों में खलबली मचा दी है। इस नियुक्ति के साथ ही, प्रधान मंत्री कार्यालय पहली बार दो प्रधान सचिवों द्वारा संचालित होगा। दास के साथ मौजूदा प्रधान सचिव-1 प्रमोद कुमार मिश्रा भी इस प्रशासनिक टीम का हिस्सा बने रहेंगे।

दास का करियर में 42 वर्षों से अधिक का अनुभव है, जिसमें उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2016 में आर्थिक मामलों के सचिव रहने के दौरान, उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन और नोटबंदी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2018 से 2024 तक आरबीआई गवर्नर के रूप में, उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।

नियुक्ति के निहितार्थ

नियुक्ति के निहितार्थ

शक्तिकांत दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों और चुनौतियों का सामना करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। यह निर्णय वैश्विक व्यापारिक तनाव और वित्तीय स्थिरता जैसे मुद्दों के प्रति सरकार की सतर्कता को दर्शाता है। सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने के लिए, दास की विशेषज्ञता से आरबीआई और सरकार के बीच समन्वय को मजबूत करने की उम्मीद है।

कुछ विपक्षी दल इस नियुक्ति पर सवाल उठा रहे हैं, यह पूछते हुए कि क्या यह राजनीतिक निहितार्थ के साथ की गई है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि दास की गहरी संस्थागत समझ एक रणनीतिक संपत्ति होगी, जो भारत की आर्थिक नीतियों को सामान्यवाद से एक नए स्तर पर ले जाने में सहायक होगी।