इन्फ्लेशन इंडेक्स में नया बदलाव
वित्त मंत्रालय ने हाल ही में जारी नोटिफिकेशन में कहा है कि 1 जुलाई 2024 से संपत्ति के पूँजीगत लाभ कर की गणना के लिए प्रयुक्त इन्फ्लेशन इंडेक्स 363 से बढ़ाकर 376 कर दिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य वार्षिक महंगाई को अधिक सटीक रूप से दर्शाते हुए करदाताओं को पर्याप्त राहत देना है। पहले जिस दर से मूलधन के आजीविका घटक को घटाया जाता था, वह अब नई दर के साथ समायोजित होगा।
इंडेक्स में यह वृद्धि लगभग 3.6% की प्रभावी बढ़ोतरी को दर्शाती है, जिसका मतलब है कि खरीदार द्वारा अर्जित लाभ पर कर की गणना में अब अधिक महंगाई घटाने का फायदा मिलेगा। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिये उपयोगी है जिन्होंने कई सालों तक संपत्ति रखी हुई थी और बाजार मूल्य में सामान्य उछाल के साथ महंगाई का असर भी शामिल है।

कर गणना पर सीधा असर
नए इंडेक्स के लागू होने के बाद, पूँजीगत लाभ कर की गणना करने की विधि में कुछ प्रमुख बदलाव आए हैं:
- भुगतान योग्य कर की राशि में संभावित कमी – उच्च इंडेक्स से अधिक महंगाई घटाने की राशि मिलती है।
- समारोहिक संपत्ति (जैसे दीर्घकालिक किरायेदारी) पर अब भी इंडेक्सेशन लाभ मिलता रहेगा, जबकि कुछ छोटे‑समय वाले लेन‑देन में जुलाई 2024 के बाद इंडेक्सेशन हटाया गया है।
- करदाताओं को अपने लेन‑देन की पुनर्गणना करनी होगी, विशेषकर यदि उन्होंने पिछले वर्ष के अंत से पहले बिक्री की थी।
- नए नियमों के अनुसार, यदि आप 2 वर्ष से अधिक समय तक संपत्ति रखते हैं तो आपको अतिरिक्त 20% टैक्स स्लैब के बजाय सामान्य स्लैब का फायदा मिलेगा।
उदाहरण स्वरूप, यदि 2018 में आपने ₹50 लाख में एक जमीन खरीदी और 2024 में उसे ₹80 लाख में बेचते हैं, तो पहले का इंडेक्स (363) उपयोग करने पर आप कम महंगाई घटा पाएँगे, जिससे आपका कर अधिक आएगा। नया इंडेक्स (376) उपयोग करने पर महंगाई घटाने की राशि बढ़ेगी, जिससे कर बोझ घटेगा। इस प्रकार की गणना बहुत ही तकनीकी हो सकती है, इसलिए कर सलाहकार या ऑनलाइन टूल का उपयोग करना फायदेमंद रहेगा।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस परिवर्तन के साथ कुछ नई अलाउंस भी पेश की गई हैं, जैसे कि प्रथम बार घर खरीदारों के लिये अतिरिक्त छूट। यदि आप अभी भी इस बदलाव को लेकर अनिश्चित हैं, तो अपने इनकम टैक्स रिटर्न को अपडेट करने से पहले एक वैध प्रमाणपत्र प्राप्त करें और सभी दस्तावेज़ीकरण को सही रखें।