जब हम आध्यात्मिक गुरु, वह व्यक्ति जो ज्ञान, अनुभव और आध्यात्मिक शक्ति को अपनाकर दूसरों को आत्मसाक्षात्कार की राह दिखाता है की बात करते हैं, तो इसका मतलब सिर्फ कोई धार्मिक नेता नहीं होता। यह वो मार्गदर्शक है जो भक्ति, आंतरिक समर्पण और ईश्वर के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को दैनिक जीवन में लागू करता है। आध्यात्मिक गुरु अक्सर शिष्यों को अपनी आंतरिक आवाज़ सुनने, नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने और आध्यात्मिक प्रैक्टिस को रोज़मर्रा की चुनौती से जोड़ने में मदद करते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि आध्यात्मिक गुरु सिर्फ सिद्धांत नहीं, बल्कि व्यवहारिक परिवर्तन का स्रोत है।
गुरु पूर्णिमा 2024 का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा, जो आध्यात्मिक शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन है। इस दिन का महत्व वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों और महाभारत का संकलन किया था। इस मौके पर भक्त विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और अपने गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।