जब बात दिल्ली पुलिस, दिल्ली में कानून‑व्यवस्था लागू करने वाली मुख्य अनुशासनिक संस्था. Also known as डीपी, it ट्रैफ़िक नियंत्रण, अपराध रोकथाम और बड़े सरकारी कार्यक्रमों की सुरक्षा संभालती है. दिल्ली की सड़कों पर हलचल या राजनैतिक रैलियों में तहलका, देहाती जाल में साइबर गिरावट – सभी में यह एजेंसी के हाथ दिखते हैं।
एक और प्रमुख एंटिटी ट्रैफ़िक, शहर की सड़कों पर वाहनों का क्रमबद्ध प्रवाह है। दिल्ली पुलिस का ट्रैफ़िक विभाग रोज़ 3 लाख से अधिक वाहन को नियंत्रित करता है, साथ ही साल‑दर‑साल नई तकनीक जैसे सिग्नल‑टाइमिंग ट्यूनिंग और कैमरा‑स्मार्ट‑फैसिलिटी लागू करता है। इससे यात्रा‑समय घटता है और दुर्घटनाओं में कमी आती है।
सुरक्षा, यानी सुरक्षा, जनता और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा, दिल्ली पुलिस के कार्य‑क्षेत्र का एक और कोना है। चाहे डिलाइटेड आयुध की सुरक्षा, चाहे बड़े खेल इवेंट्स या धार्मिक मेले – एजेंसी विशेष‑पावर‑ड्रिवेन युंइट्स तैनात करती है। हाल ही में आयरन मैनिया फेस्ट में लागू किये गये ड्रोन्स ने भीड़‑नियंत्रण में मदद की।
अपराध, यानी अपराध, कानून‑भंग की कोई भी गतिविधि, दिल्ली पुलिस के लाइफलाइन है। हर महीने रिपोर्टेड केस की संख्या, विक्टोरिया पुल पर सायबर चोरी से लेकर बेंगलुरु मॉल में चोरण तक, विविध रहती है। पुलिस के फोरेंसिक लैब और साइबर सेल इन मामलों को तेज़ी से सॉल्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दिल्ली में चुनाव‑सीजन आता है, तो राजनीति से जुड़े रैलियों में अक्सर पुलिस की प्रमुख भूमिका दिखती है। हाल ही में चुनाव अभियान के दौरान लिपिकों की सुरक्षा, चुनावी परिणाम की घोषणा के समय भीड़‑प्रबंधन के लिए विशेष ब्रीफ़िंग की गई। इसी तरह, महकрамы के दौरान एयरपोर्ट सुरक्षा को बढ़ाया गया, जिससे यात्रा‑सुरक्षा में सुधार आया।
फेस्टिवल‑टाइम में दिल्ली पुलिस की सतर्कता दो गुना हो जाती है। दिवाली, दशहरा, कार्तिक माह के बड़े मेले में ट्रैफ़िक नियंत्रण, जनसमुदाय जागरूकता और आपातकालीन हेल्पलाइन को सक्रिय किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 2025 की धनतेरस में पुलिस ने ‘डिजिटल लाइटिंग’ के प्रयोग से बिजली‑अधिकारियों के साथ मिलकर सुरक्षा में नया प्रयोग किया।
डिजिटल पहल भी तेज़ी से बढ़ रही है। दिल्ली पुलिस ने ‘e-सेवा’ पोर्टल लॉन्च किया, जहाँ नागरिक ऑनलाइन FIR दर्ज कर सकते हैं, केस की स्थिति देख सकते हैं और ट्रैफ़िक उल्लंघन का भुगतान कर सकते हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म से नागरिक‑पुलिस संवाद में स्पष्ट सुधार आया है, और कई बार फिजिकल स्टेशन की भीड़ घट गई है।
भौगोलिक रूप से, दिल्ली के विभिन्न जिलों में पुलिस के पास अलग‑अलग इकाइयाँ हैं – जैसे उत्तर प्रदेश, दक्षिण दिल्ली, पश्चिम दिल्ली। प्रत्येक ज़िला अपनी जनसंख्या, ट्रैफ़िक दबाव और अपराध पैटर्न के अनुसार अनुकूल रणनीति बनाता है। यह स्थानीयकरण विभाग को तेज़ प्रतिक्रिया देने में मदद करता है।
भविष्य के लिए योजनाओं में AI‑आधारित प्रेडिक्टिव मॉडल शामिल हैं, जो संभावित अपराध हॉटस्पॉट को पहले से पहचान कर पैट्रोलिंग को अधिक प्रभावी बनाते हैं। ट्रैफ़िक में भी स्मार्ट सिग्नल कंट्रोलर लगाकर औसत यात्रा‑समय 15% कम करने की कोशिश चल रही है। इन तकनीकों से दिल्ली पुलिस का काम आसान हो रहा है, परंतु मानवीय कड़ी मेहनत अभी भी आवश्यक है।
नीचे आप दिल्ली पुलिस से जुड़ी विभिन्न लेख, अपडेट और विश्लेषण पाएँगे – चाहे वह ट्रैफ़िक सुधार, सुरक्षा ऑपरेशन, या अपराध रिपोर्ट हो, यहाँ सब कुछ एक ही जगह पर है। इन लेखों में पाएँगी विस्तृत जानकारी, विशेषज्ञ राय और वास्तविक केस‑स्टडी, जो आपके दैनिक जीवन में सुरक्षा और व्यवस्था को समझने में मदद करेंगे।
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पदयात्रा पर हुए हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं की। भारद्वाज ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया, यह दावा किया कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद हमले को रोका नहीं गया। यह घटना आगामी चुनावों के अभियान के तहत आयोजित की गई पदयात्रा के दौरान घटी।