जब बात आती है दीप्ति शर्मा, भारतीय पत्रकारिता की एक प्रमुख आवाज़, जो राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर स्पष्ट और निर्भीक विश्लेषण प्रस्तुत करती हैं। उनका नाम अक्सर उन खबरों से जुड़ा दिखता है जो सिर्फ घटनाओं को नहीं, बल्कि उनके पीछे के तांते को उजागर करती हैं। वो किसी बयान को सिर्फ रिपोर्ट नहीं करतीं—वो उसका अर्थ समझाती हैं। उनकी रिपोर्टिंग में राजनीतिक फैसलों का सामान्य आदमी पर क्या असर हो रहा है, यह देखने की कोशिश होती है।
दीप्ति शर्मा के साथ जुड़े मुद्दे अक्सर राजनीति, भारत की वर्तमान राजनीतिक दिशा और उसके निर्णयों का आम जनता पर प्रभाव और महिला पत्रकार, एक ऐसी पेशेवर जो अपने आवाज़ के साथ अंधेरे के खिलाफ लड़ती है से जुड़े होते हैं। उनके लेखों में अक्सर ऐसे विषय आते हैं जिन पर अन्य मीडिया चुप रहते हैं—जैसे कि बिहार में बाढ़ के बाद मुआवजे का विवाद, या फिर ग7 शिखर सम्मेलन में मोदी और मेलोनी की बातचीत के अंदर छिपा रणनीतिक संदेश। वो न केवल बताती हैं कि क्या हुआ, बल्कि बताती हैं कि यह क्यों मायने रखता है।
आपको यहां मिलेंगे उनके द्वारा लिखे गए या उनके संदर्भ में लिखे गए लेख, जिनमें भारत के सबसे बड़े राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक घटनाक्रमों की गहरी झलक मिलती है। चाहे वो बिहार की बाढ़ का मुआवजा हो, या फिर भारत-इटली संबंधों की नई दिशा—हर खबर एक नए पहलू को उजागर करती है। यहां आपको उनकी रिपोर्टिंग का वो असली मूल्य मिलेगा जो सिर्फ शीर्षकों में नहीं, बल्कि बीच के वाक्यों में छिपा होता है।
भारत ने महिला विश्व कप 2025 के उद्घाटन मैच में 59 रन की DLS जीत हासिल की। एमेंडिप और दीप्ति की 100‑रन साझेदारी ने टीम को मजबूती दी.