गांधी जयंती – भारत में शांति और सेवा का संदेश

जब बात आती है गांधी जयंती, 15 अक्टूबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय त्यौहार, जो महात्मा गांधी की शांति, सत्याग्रह और अहिंसा की शिक्षाओं को सम्मानित करता है. Also known as महात्मा गांधी जयंती, यह दिन भारतीय इतिहास में एक अटूट स्थान रखता है। इस अवसर पर स्कूल, कार्यालय और सार्वजनिक स्थानों में शांति के प्रतीक सफेद कपड़े, पवित्र धूप और पत्थर पर लिखे संदेश देखे जाते हैं।

गांधी जयंती का सीधा संबंध महात्मा गांधी, स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता, जिनके अहिंसात्मक संघर्ष ने भारत को ब्रिटिश शासनों से मुक्त किया से है। उनका "सत्य और अहिंसा" सिद्धांत न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सामाजिक आंदोलन की नींव बन गया है। आज के कई शैक्षणिक और सामुदायिक कार्यक्रम इन सिद्धांतों को पुनः जीवंत करने के लिए कार्यशालाएँ, व्याख्यान और स्वच्छता अभियानों (जैसे स्वच्छ भारत मिशन) को जोड़ते हैं। इस प्रकार, गांधी जयंती भारत की भारतीय स्वतंत्रता, 1947 में ब्रिटिश राज से आज़ादी, जिसमें गांधी के नेतृत्व वाले व्यापक असहयोग आंदोलन का बड़ा योगदान है की याद दिलाते हुए, आज के विकासात्मक लक्ष्य से भी जुड़ जाता है।

इस दिन कई संस्थाएँ "गांधीनगर" वर्चुअल टूर, "गांधी स्मृति धरोहर" कार्यक्रम और स्थानीय स्वच्छता अभियानों का आयोजन करती हैं। लोग पौधारोपण, सार्वजनिक स्थानों की सफाई और दान कार्यों में भाग लेते हैं, जिससे अहिंसा के साथ सेवा का सिद्धांत जीवित रहता है। यही कारण है कि गांधी जयंती केवल एक तारीख नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा बन गई है। आप नीचे देखेंगे कि कैसे विभिन्न लेख इस त्यौहार के विभिन्न पहलुओं—इतिहास, सामाजिक प्रभाव, पर्यावरणीय पहल और वर्तमान में भारत में इसका स्थान—को कवर करते हैं।

अक्तू॰ 3, 2025
raja emani
गांधी जयंती 2024: बापू के 150वें जन्मदिन पर प्रमुख उद्धरण एवं संदेश
गांधी जयंती 2024: बापू के 150वें जन्मदिन पर प्रमुख उद्धरण एवं संदेश

2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती पर बापू के प्रमुख उद्धरण, डिजिटल शेयरिंग और शैक्षणिक पहलें साझा की गईं, जिससे उनके सिद्धांतों का राष्ट्रीय स्तर पर पुनरुज्जीवन हुआ।

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