जब हम Nifty 50, भारत के सबसे बड़े 50 लिस्टेड कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख शेयर इंडेक्स है. इसे अक्सर Nifty कहा जाता है। यह इंडेक्स NSE, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की प्रमुख ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेड किए जाते कंपनियों को समेटे है। इस कारण Nifty 50 को भारत की आर्थिक सेहत का बेंचमार्क माना जाता है।
इंडेक्स के भीतर Sensex, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 बड़ी कंपनियों को दर्शाने वाला सूचकांक से अलग लेकिन पूरक समझा जा सकता है – दोनों में कंपनियों का चयन करने का तरीका अलग है और इस वजह से अलग‑अलग सेक्टर का असर दिखता है। जहाँ Sensex बैंकिंग और औद्योगिक कंपनियों पर अधिक फोकस करता है, Nifty 50 टेक, फाइनेंस, हेल्थकेयर और कंज्यूमर सॉल्यूशंस को भी बराबर वजन देता है। इस विविधता के कारण, जब कोई सेक्टर जैसे बैंकिंग सेक्टर में उछाल आता है, तो Nifty 50 की कीमत में तुरंत असर दिखता है, जबकि Sensex की प्रतिक्रिया थोड़ी अलग हो सकती है।
हमारे नीचे दिखाए गए लेखों में अक्सर RBI की नीति, बैंकिंग छुट्टियां, और फॉरेन टैरिफ जैसी बातें आती हैं – ये सब सीधे Nifty 50 को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के तौर पर, जब RBI नई बैंकिंग छुट्टियों की घोषणा करता है, तो ट्रेडिंग वॉल्यूम में बदलाव आता है और यह इंडेक्स की दैनिक गति को बदल सकता है। समान रूप से, ट्रम्प की फ़ार्मा टैरिफ जैसी अंतरराष्ट्रीय घटनाएँ Nifty Pharma, Nifty 50 से अलग एक सेक्टर‑विशेष इंडेक्स को धकेलती हैं, लेकिन उनका प्रभाव Nifty 50 के फाइनेंस और हेल्थकेयर हिस्सों में भी देखा जाता है। इसलिए हर निवेशक को इन सहायक संकेतकों पर भी नज़र रखनी चाहिए।
हमारे संग्रह में आप पाएँगे: RBI के बोनस, बैंकिंग सेक्टर की नई नीतियां, अंतरराष्ट्रीय टैरिफ की असर, और सोना‑चांदी जैसे वैकल्पिक निवेशों की कीमतें। इस टैग पेज पर सभी लेख एक ही उद्देश्य रखते हैं – आपको Nifty 50 के महत्वपूर्ण कारकों की स्पष्ट समझ देना, ताकि आप सही समय पर सही फैसला ले सकें। आगे नीचे की सूची में आप देखेंगे कि कैसे हर खबर इंडेक्स की दिशा तय करती है और कौन‑से सेक्टर में अवसर छिपे हो सकते हैं। अब पढ़िए और अपने निवेश की राह आसान बनाइए।
दीपावली मुहुरत ट्रेडिंग में Sensex 84,363, Nifty 25,843 तक पहुँचा। ट्रेडर उत्साह ट्रम्प‑शी टिप्पणी और रिलायंस के मजबूत परिणामों से बढ़ा।