जब हम फ्रांस चुनाव के बारे में बात करते हैं, तो इसका मतलब है वह प्रक्रिया जिसके द्वारा फ्रांस के नागरिक अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को चुनते हैं। यह चुनाव मुख्यतः दो हिस्सों में बांटा जाता है: राष्ट्रपति पद के लिए प्रथम राउंड और द्वितीय राउंड, साथ ही राष्ट्रीय विधानसभा की सदस्यता के लिए संसदीय वोट। इस प्रक्रिया में रिपब्लिक के सिद्धांत, बख़्तीय मतदान और यूरोपीय संसद के प्रभावी सहयोगी संबंध शामिल होते हैं। समान रूप से, इसे कभी‑कभी French election भी कहा जाता है।
फ्रांस के लोकतंत्र में रिपब्लिक की अवधारणा मुख्य भूमिका निभाती है। रिपब्लिक का अर्थ है जनता की संप्रभुता, जहाँ सत्ता का स्रोत सीधे वोटरों से आता है। इस संदर्भ में राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सरकार का प्रमुख और विदेशी नीति का प्रमुख मानते हैं, जबकि संसदीय प्रणाली संसद के भीतर विधायी शक्ति को वितरित करती है। दोनों संस्थाएँ मिलकर फ्रांस चुनाव को अद्वितीय जटिलता प्रदान करती हैं—राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा, जबकि संसद के सदस्य बहु‑पार्टी गठबंधन के माध्यम से चुने जाते हैं।
यूरेन के भीतर फ्रांस की भूमिका को समझना भी जरूरी है। यूरोपीय संसद के साथ फ्रांस की सहयोगी संबंधों का असर अक्सर राष्ट्रीय चुनावों में देखा जाता है, क्योंकि यूरोपीय नीति, पर्यावरण या आर्थिक प्रतिबद्धताएँ मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के तौर पर, जब यूरोपीय संघ के बजट में बदलाव होता है, तो फ्रांस के उम्मीदवार अपनी नीति में इस पर प्रतिक्रिया देते हैं, जिससे वोटरों का समर्थन दिशा‑बद्ध हो जाता है। यह एक स्पष्ट फ्रांस चुनाव का पहलू है—अंतःराष्ट्रीय कारक राष्ट्रीय राजनीति में गूँजते हैं।
हमारी सूची में आप फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव की ताज़ा रिपोर्ट, मतदाता प्रवृत्तियों की विश्लेषणात्मक लेख, यूरोपीय संसद के साथ फ्रांस के संबंधों पर अंतर्दृष्टि और कुछ प्रमुख उम्मीदवारों की प्रोफ़ाइल पाएँगे। चाहे आप फ्रांसीसी राजनीति में नई तरह के संकेत चाहते हों या मौजूदा रुझानों को समझना चाहते हों, यह पेज आपको एक समग्र दृष्टिकोण देता है। नीचे के लेखों में प्रत्येक विषय को पाँच‑सैट वाली जानकारी के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिससे आप जल्दी से मुख्य बिंदु पकड़ सकेंगे।
हाल ही में हुए फ्रांस के विधायी चुनावों में वामपंथी गठबंधन ने सबसे बड़ी जीत हासिल की है, हालांकि यह बहुमत प्राप्त करने में विफल रहा। इससे सरकार बनाने की संभावनाएं अनिश्चित हो गई हैं और देश में हंग संसद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।