जब हम स्टार्टिंग XI की बात करते हैं, तो इसका मतलब है मैच की शुरुआत में फ़ील्ड पर उतरने वाले ग्यारह खिलाड़ियों की सूची. इसे अक्सर शुरुआती टीम कहा जाता है। यह चयन कोच की रणनीतिक सोच, पिच की स्थितियों और विरोधी के बलों का सीधा प्रतिबिंब है। उदाहरण के तौर पर, तेज़ गड़गड़ाती पिच पर तेज़ गेंदबाजों को पहले लाना, या बाउंड्री‑फ्रेंडली ट्रैक पर पहले दोहाकी को खोलना, ये सब स्टार्टिंग XI के निर्णय में शामिल होते हैं। इसलिए यह सिर्फ नामों की सूची नहीं, बल्कि मैच के पहले 30‑40 ओवरों की पूरी योजना का दर्पण है।
हर बड़े क्रिकेट मैच, एक प्रतिस्पर्धात्मक खेल जिसमें दो टीमें बॉल और बैट से स्कोर बनाती हैं में शुरुआती एकाइल तय करना अनिवार्य है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), टॉप‑टियर फ्रैंचाइज़ी टीमें T20 फ़ॉर्मेट में प्रतिस्पर्धा करती हैं में टॉस के बाद टीम का पहला फ़ॉर्मूला अक्सर स्टार्टिंग XI पर निर्भर करता है—खेल के तेज़ गति वाले स्वरूप में पावरप्ले का उपयोग कैसे होगा, यह सीधे इस चयन से जुड़ता है। इसी तरह एशिया कप, एशिया की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्रिकट टूर्नामेंट में टीम का संतुलन—ऑल‑राउंडर, स्पिनर, फ़ास्ट बॉलर का मिश्रण—स्टार्टिंग XI में ही तय होता है, जिससे जीत की सम्भावना बढ़ती है। जब बात वर्ल्ड कप, क्रिकेट का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आती है, तो सबसे अनुभवी खिलाड़ी और युवा ऊर्जा का सही mix भी स्टार्टिंग XI में ही दिखना चाहिए; यही चयन अक्सर रोस्टर में बदलाव की सीमा तय करता है। इन सभी घटनाओं में एक समान तार्किक संबंध है: स्टार्टिंग XI निर्धारित करती है टीम की शुरुआती रणनीति, और वह रणनीति सीधे मैच के परिणाम को प्रभावित करती है।
नए चेल्सी हेड कोच Enzo Maresca ने Wrexham के खिलाफ Santa Clara में अपना पहला शुरुआती XI नामित किया है। उन्होंने दो सप्ताह की अवधि में अपनी टीम के साथ काम किया है और रोबर्ट सांचेज़ को गोलकीपर के रूप में चुना है। उनके साथ एक मजबूत डिफेंसलाइन और मिडफील्ड कंबिनेशन तैयार किया है।