जब हम तूफान, भारी हवाओं और अत्यधिक वर्षा वाला मौसमीय रोग है. Also known as चक्रवात, it भारत के तटीय और आंतरिक क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर प्रभावित करता है. तूफान सीधे बारिश, तीव्र और लगातार गिरन वाली वर्षा को जन्म देता है, और जब जल निकासी प्रणाली अपर्याप्त हो तो बाढ़, पानी का भूमि सतह पर ओवरफ़्लो होना बन जाता है। ये तीनों तत्व (तूफान → बारिश → बाढ़) आपस में गहरी तरह जुड़े हुए हैं, जिसका असर कृषि, सार्वजनिक सुरक्षा और दैनिक जीवन पर गहरा पड़ता है।
अभी हाल ही में IMD की चेतावनी ने कहा कि भारी बारिश के कारण IPL 2025 की मैच‑फिक्स भी जोखिम में है – यही दिखाता है कि बारिश सिर्फ खेल नहीं, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बाधित कर सकती है। बिहार में भारी वर्षा ने 10‑16 मौतें और बड़े पैमाने पर जल‑निधन किया, जहाँ सरकार ने हर प्रभावित परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया। ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि बाढ़ सामाजिक और वित्तीय तनाव का कारण बनती है। इन घटनाओं के पीछे एक बड़ी वजह है जलवायु परिवर्तन – वैश्विक तापमान में वृद्धि से समुद्री सतह का ताप बढ़ता है, जिससे तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति दोनों में उछाल आता है। विज्ञान कहता है कि पिछले दस सालों में भारत में तीव्र बारिश वाले तूफानों का औसत 15 % बढ़ा है। इसका मतलब है कि अब पहले की तुलना में अधिक क्षेत्रों में गंभीर क्षमता वाली जलवायु‑आपदाएं हो सकती हैं। इसी कारण आपदा प्रबंधन अब सिर्फ सरकार का कार्य नहीं रहा, बल्कि स्थानीय निकायों, NGOs और नागरिकों की साझा जिम्मेदारी बन गई है। प्रभावी चेतावनी प्रणालियों, तेज़ बचाव उपकरण और तैयारियों के साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना, इन सभी को सामूहिक रूप से लागू करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, सरकार ने बीमा योजनाओं को तेज़ी से लागू किया, जिससे बाढ़‑पीड़ित किसानों को नुकसान की भरपाई जल्दी मिल सके। समय-समय पर होने वाले तूफानों से निपटने के लिए हमें यह समझना जरूरी है कि एक तूफान कई परतों में चलता है: शुरुआती बारिश से शुरू होकर ग्राउंड‑वॉटर स्तर बढ़ता है, फिर बाढ़ में बदल जाता है, और अंत में सामाजिक‑आर्थिक प्रभाव डालता है। इस जटिलता को देखते हुए, राष्ट्रीय मौसम विभाग, जलवायु विशेषज्ञ और आपदा प्रबंधन एजेंसियां लगातार डेटा साझा कर रही हैं, जिससे भविष्य में बेहतर तैयारी संभव हो सके। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, नीचे प्रस्तुत लेखों में आप पाएंगे: बिहार की पुल व बाढ़ राहत, IPL में बारिश की चेतावनी, जलवायु परिवर्तन के आंकड़े, और आपदा प्रबंधन की नवीन तकनीकें। चाहे आप एक गृहस्थ हों, किसान हों या नीति निर्माता, इस टैग में आपको अपने क्षेत्र से जुड़ी उपयोगी जानकारी मिलेगी। आगे पढ़ें और देखें कि कैसे आप खुद को और अपने समुदाय को तूफान‑से‑परेशान स्थितियों में सुरक्षित रख सकते हैं।
कैटेगरी 3 का खतरनाक तूफान बेरील सोमवार को दक्षिणपूर्व कैरेबियन की ओर बढ़ रहा है। नेशनल हरिकेन सेंटर ने चेतावनी दी है कि यह वायु तूफान विंडवर्ड द्वीपों पर भारी बारिश और उच्च जलस्तर के साथ पहुंच सकता है। नागरिकों से तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।