जब हम DMart, एक बड़ी रिटेल चेन है जो कम कीमत पर रोज़मर्रा की वस्तुएँ देती है. Also known as डि मार्ट, it has changed the way millions of Indian shoppers think about value.
DMart व्यूहात्मक डिस्काउंट मॉडल अपनाता है, जिससे बड़े पैमाने पर ख़रीदने वाले ग्राहक को कम कीमत मिलती है। यह मॉडल रिटेल, व्यापारिक संस्थाओं के वह क्षेत्र है जहाँ वस्तुओं को अंतिम उपभोक्ता को बेचा जाता है के अंतर्गत एक प्रमुख प्रवृत्ति बन गया है। इसी कारण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर DMart की प्रतिद्वन्द्वी कंपनियाँ अपने प्राइसिंग रणनीतियों को फिर से देख रही हैं।
DMart की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उसका लॉयल्टी प्रोग्राम, एक प्रणाली है जो नियमित ग्राहक को अतिरिक्त छूट, रिवार्ड पॉइंट्स और विशेष ऑफ़र देती है है। यह प्रोग्राम खरीदारों को बार‑बार स्टोर आने के लिए प्रेरित करता है, जिससे कुल मिलाकर खर्च में कमी आती है। साथ ही, स्मार्ट शॉपिंग टिप्स, व्यावहारिक सलाह हैं जो उपभोक्ता को सही समय पर सही उत्पाद चुनने में मदद करती हैं भी DMart के ग्राहकों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। उदाहरण के तौर पर, ‘सप्ताहांत में लिस्ट बनाकर खरीदारी करना’ और ‘बड़ी पैकेजिंग में ऑफ़र चेक करना’ जैसी छोटी‑छोटी आदतें बजट को काफी हद तक बचा सकती हैं।
इन सबसे जुड़ी एक और अहम बात है ‘ऑफ़र सिंक्रनाइज़ेशन’, जहाँ विभिन्न ब्रांडों के मिलेजुले ऑफ़र एक ही बिल में लागू होते हैं। इससे न केवल कुल कीमत घटती है, बल्कि सामान की विविधता भी बढ़ती है। इस तरह का इकोसिस्टम DMart को न सिर्फ एक सुपरमार्केट बल्कि एक आर्थिक सलाहकार बना देता है।
अब जब आप समझ गए हैं कि DMart कैसे काम करता है और कौन‑कौन से तत्व इसको सफल बनाते हैं, तो नीचे की सूची में आप विभिन्न लेख देखेंगे। इनमें रिटेल ट्रेंड, नई छूट, फाइनेंशियल टिप्स और विशेष इवेंट कवर किए गए हैं। इन जानकारी को पढ़कर आप अपनी खरीदारी को और भी स्मार्ट बना सकते हैं।
आइए, आगे के पोस्ट में डुबकी लगाएँ और देखें कि DMart से जुड़ी कौन‑सी ताज़ा खबरें और उपयोगी टिप्स आपके शॉपिंग अनुभव को बेहतर बना सकते हैं।
एवेन्यू सुपरमार्ट्स, DMart के ऑपरेटर, ने अपने वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए निराशाजनक प्रदर्शन रिपोर्ट किया है। इसकी वजह ऑनलाइन प्रतिद्वंद्वियों से कठोर प्रतिस्पर्धा और समान-दुकान बिक्री वृद्धि (SSSG) में कमी है। इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 5.8% की वृद्धि के साथ ₹659.6 करोड़ पर पहुंच गया है। राजस्व 14.4% की वृद्धि के साथ ₹14,444.5 करोड़ पर है। स्टोरों पर औसत बिल साइज स्थिर है, जबकि औसत खरीद का एक हिस्सा अन्य प्लेटफॉर्म्स की ओर स्थानांतरित हो गया है।