जब ग7 शिखर का जिक्र होता है, तो सात बड़ी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के मुख्य नेताओं की वार्षिक बैठक सामने आती है। यह सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा तय करता है, जलवायु परिवर्तन के समाधान को तेज़ी देता है, और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाता है। सदस्य देशों की सहयोगी नीति, व्यापार नियम और निवेश प्रवाह को प्रभावित कर गली‑गली में असर डालती है।
गाइडलाइन के अनुसार, ग7 शिखर हमेशा तीन बड़े स्तम्भों के इर्द‑गिर्द घूमता है: आर्थिक स्थिरता, पर्यावरणीय जिम्मेदारी, तथा सुरक्षा‑सुरक्षा का ढांचा। आर्थिक स्थिरता का मतलब है मुद्रास्फीति नियंत्रण, डिजिटल बाजार की नियामक ढांचा और विकासशील देशों को उधार की सुविधा। जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में, इस मंच ने अक्सर कार्बन न्यूट्रल लक्ष्य, नवीकरणीय ऊर्जा निवेश और जलवायु निधि में बढ़ोतरी की वकालत की है। सुरक्षा‑सुरक्षा के पहलू में साइबर‑थेर्ट, एंटी‑टेरर स्ट्रैटेजी और समुद्री सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। इन सभी क्षेत्रों में एक‑दूसरे के प्रति प्रभाव स्पष्ट है – उदाहरण के लिये, आर्थिक सहनशीलता बिना पर्यावरणीय स्थिरता के संभव नहीं, जबकि सुरक्षा का माहौल निवेशकों को आकर्षित करता है।
ग7 शिखर का हर मंच सदस्य देशों के वास्तविक समस्याओं से जुड़ा रहता है। यूरोपीय यूनियन के ऊर्जा संकट, यू.एस. की टेक नीतियां, जापान की विज्ञान‑प्रौद्योगिकी पहल, यू.के. की जलवायु प्रतिबद्धता, कनाडा की प्राकृतिक संसाधन नीति, फ्रांस का रक्षा बजट, और इटली का मध्यम‑आकार का उद्योग उत्प्रेरक सभी इस बड़े जाल में आपस में बंधे होते हैं। इसलिए जब कोई देश अपना जलवायु लक्ष्य घटाता है, तो बाकी सात देशों को भी अपने आर्थिक समीकरण में पुन: समायोजन करना पड़ता है। यही कारण है कि ग7 शिखर को अक्सर “विश्व का नियामक” कहा जाता है।
आपके सामने प्रस्तुत लेखों में आप देखेंगे कि कैसे ग7 शिखर ने 2025 में मौसमी बाढ़, वैश्विक तेल मूल्यों, और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाए। साथ ही, इस मंच की आधिकारिक बयानबाज़ी और गुप्त वार्तालापों का विश्लेषण भी मिलेगा, जिससे आपको पता चलेगा कि इन निर्णयों के पीछे कौन‑सी राजनीतिक गणना छिपी है। नीचे दिए गए संग्रहीत पोस्ट्स में प्रत्येक विषय को विस्तृत रूप से समझाया गया है – चाहे वह तकनीकी उद्योग की नई नीति हो या जलवायु निधि का विस्तार।
अब आप इस पेज पर उपलब्ध विविध लेखों की एक झलक देखेंगे, जो ग7 शिखर के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट, सरल भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इन रिपोर्टों को पढ़कर आप न सिर्फ वैश्विक राजनीति की धारा बल्कि व्यक्तिगत निवेश, पर्यावरणीय कदम और सुरक्षा के नवीनतम रुझानों से भी अच्छी तरह जुड़ पाएँगे।
ग7 शिखर में मोदी‑मेलोनी की बेमिसाल मुलाक़ात, ‘आप सबसे उत्तम’ टिप्पणी वायरल, साथ ही भारत‑इटली रणनीतिक साझेदारी की नई दिशा।