जब बात लोकसभा, भारत की संसद की निचली मंजिल है, जहाँ जनता के प्रतिनिधि विधायी काम करते हैं. Also known as निचली सभा, यह संस्था संसद की प्रमुख शक्ति है।
इस निचली सभा के कामकाज को भारत सरकार, कार्यपालिका जो संसद के निर्णय लागू करती है सीधे प्रभावित करती है। संविधान के अनुसार, लोकसभा बजट पास करने, तालिका बनाने और विश्वास‑निर्माण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं, संसद, भारत की द्विसदनीय विधायी निकाय, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों शामिल हैं मिलकर राष्ट्रीय नीतियों को आकार देती है।
लोकसभा के सदस्य विधानसभा, राज्य स्तर की विधायी निकाय है, जिसका काम राज्य‑स्तर के कानून बनाना है से अलग होते हैं, लेकिन दोनों ही लोकतंत्र की नींव मजबूत करते हैं। चुनाव प्रक्रिया चुनाव, जनता द्वारा अपने प्रतिनिधियों को चुनने का लोकतांत्रिक तरीका के माध्यम से लोकसभा के 543 सीटों को भरती है, जिससे संघीय ढाँचे में संतुलन बनता है।
लोकसभा की शक्ति सिर्फ कानून बनाना नहीं, बल्कि सरकार को जवाबदेह बनाना भी है। जब कोई मोशन ऑफ़ नो‑ट्रस्ट पास होता है, तो संसद के दोनों सदनों को सरकार को सही कदम उठाने पर मजबूर करना पड़ता है। इसी कारण अक्सर मीडिया में लोकसभा के बहसों और प्रश्नकाल को बड़े उत्सुकता से देखते हैं। हमारी संग्रह में आप देखेंगे कि कैसे recent G7 शिखर, मोदी‑मेलोनी मुलाक़ात या R K शर्मा की आर्थिक नीतियों पर लोकसभा के सदस्य सवाल पूछते हैं, बजट को चुनौती देते हैं या नई विधियाँ पेश करते हैं।
यदि आप राजनीति में नई जानकारी चाहते हैं, तो नीचे की सूची में ताज़ा ख़बरें, विशेषज्ञ विश्लेषण और प्रमुख बहसों के संक्षेप मिलेंगे। चाहे आप संसद के कामकाज को समझना चाहते हों या चुनावी रणनीतियों पर नज़र रखना चाहते हों, यहाँ हर लेख आपको साफ़‑साफ़ परिप्रेक्ष्य देगा। आगे पढ़िए और जानिए कि इस सप्ताह लोकसभा में क्या हुआ, कौन‑से बिल पास हुए और कौन‑सी आवाज़ें राष्ट्रीय संवाद को आगे बढ़ा रही हैं।
लोकसभा के एक गरमा-गरम सत्र में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के व्यवहार की आलोचना की, और उन्हें पक्षपाती बताया। इस आरोप का उत्तर गृह मंत्री अमित शाह और ओम बिरला ने दिया। गांधी ने कहा कि अध्यक्ष के शब्द भारतीय लोकतंत्र को परिभाषित करते हैं।