मणिपुर हिंसा

जब हम मणिपुर हिंसा, 2016‑2024 में मणिपुर राज्य में हुई सशस्त्र संघर्ष, नागरिक हानि और अधिकार उल्लंघन की व्यापक श्रृंखला. मणिपुर संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है, तो यह समझना जरूरी है कि यह घटना सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी पहलुओं को कैसे जोड़ती है।

इस हिंसा के प्रमुख मानवाधिकार उल्लंघन, निर्दोष नागरिकों को हत्या, एआरआर, और अदालती प्रक्रिया से बाहर कर देना हैं। साथ ही, सामुदायिक तनाव, एथनिक समूहों के बीच भूमि, रोजगार और पहचान को लेकर बढ़ती असहिष्णुता ने स्थायी अस्थिरता पैदा की। इन दो कारकों के बीच का लूप अक्सर पुलिस कार्रवाई, अधिकतर मनमानी रोक, निचले स्तर की नाबालिग पुलिसिंग और कभी‑कभी बल प्रयोग से बिगड़ जाता है, जिससे स्थिति और ख़तरनाक हो जाती है। अंत में, न्यायिक प्रक्रिया, अनुचित जाँच, केस फाइलिंग में देरी और अक्सर निष्पक्ष ट्रायल न मिलना इस चक्र को तोड़ने में बड़ी बाधा बनती है।

इन सभी तत्वों का आपसी संबंध यही दर्शाता है कि मणिपुर हिंसा केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्‍था, मानवाधिकार संरक्षण और न्यायिक सुधार का समग्र मुद्दा है। अब आप नीचे दिए गए लेखों में गहन विश्लेषण, क्षेत्र‑विशिष्ट आंकड़े और संभावित समाधान देखेंगे, जो इस जटिल परिदृश्य को समझने में मदद करेंगे।

सित॰ 8, 2024
raja emani
मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बीच सीएम बीरेन सिंह ने की विधायकों के साथ बैठक, राज्यपाल से भी मुलाकात
मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बीच सीएम बीरेन सिंह ने की विधायकों के साथ बैठक, राज्यपाल से भी मुलाकात

मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सत्तारूढ़ विधायकों के साथ बैठक की और केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग के लिए राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य से मुलाकात की। हाल की हिंसा में ड्रोन से बम गिराए जाने और सात लोगों की मौत शामिल है। मणिपुर पुलिस ने एंटी-ड्रोन सिस्टम जैसे उपकरणों की खरीद का निर्णय लिया है। संघर्ष मई 2023 में शुरू हुआ और अब तक इसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए और विस्थापित हुए हैं।

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