When working with मनीष सिसोदिया, एक अनुभवी पत्रकार जो खेल, वित्त, राजनीति और भारतीय त्यौहारों पर विस्तृत रिपोर्ट लिखते हैं. Also known as M. S. Sisodia, उनका लेखन शैली साफ़, तेज़ और समझने में आसान है.
His कवरेज में क्रिकेट, इंटरनेशनल और घरेलू मैचों की गहन विश्लेषण के साथ वित्तीय बाजार, Sensex, Nifty, सोना‑चाँदी जैसे प्रमुख संकेतकों की दैनिक समीक्षा भी शामिल है। राजनीति के क्षेत्र में राजनीतिक समाचार, ग्लोबल शिखर सम्मेलन और राष्ट्रीय नीतियों का विश्लेषण मिलता है, और त्यौहार‑संबंधी लेखन में धार्मिक त्यौहार, दीपावली, गणेश चतुर्थी, नवरात्री आदि की मुहूर्त, रीति‑रिवाज़ और खरीदारी‑गाइड को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है.
इन सब क्षेत्रों के बीच आपस में कई लिंक होते हैं। उदाहरण के तौर पर, आईपीएल (क्रिकेट) की बड़ी विज्ञापन बोली और टीम‑स्पॉन्सरशिप सीधे शेयर‑बाजार (वित्तीय बाजार) को प्रभावित करती है—उदाहरण में RCB‑CSK मैच की बारिश‑चेतावनी ने स्टॉक्स में अस्थिरता लाई। इसी तरह, सरकारी खेल‑नीति (राजनीतिक समाचार) टीमों की यात्रा, बुनियादी ढाँचा और टैक्स रिवॉर्ड को तय करती है, जो सीधे खिलाड़ियों के वेतन और प्रायोजन शुल्क में दिखता है। मनीष सिसोदिया इन जटिल परस्पर‑क्रियाओं को आसान भाषा में तोड़‑फोड़ कर देते हैं, जिससे सामान्य पाठक भी आर्थिक या खेल‑परिणामों को समझ सके.
त्यौहार‑जैसे दीपावली या गणेश चतुर्थी के दौरान उपभोग‑वृद्धि (वित्तीय बाजार) स्पष्ट दिखती है—सोना‑चाँदी के भाव, रिटेल सेल, और ऑनलाइन शॉपिंग का उछाल। मनीष इन आर्थिक पहलुओं को त्यौहार‑परम्पराओं के साथ जोड़ते हैं, जैसे धनतेरस के शुभ‑मुहूर्त में सोने की खरीदारी के टिप्स या नवरात्रि में ब्राह्मचरिणी की पूजा के दौरान रंग‑वस्त्र की मांग। यही कारण है कि उनके लेख न सिर्फ सूचना देते हैं, बल्कि व्यवहारिक सलाह भी देते हैं, जिससे पाठक अपने दैनिक खर्च‑योजनाओं को बेहतर बना सकते हैं. यदि आप मनीष सिसोदिया के लेख पढ़ना चाहते हैं तो नीचे सूची देखें, जहाँ आप खेल‑विश्लेषण, बाजार‑रिपोर्ट, राजनीति‑विचार और त्यौहार‑गाइड सभी एक ही स्थान पर पाएँगे.
सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में जमानत दी। कोर्ट ने देरी को ध्यान में रखते हुए उनके जमानत की अर्जी मंजूर की और कहा कि सिसोदिया को अपनी आज़ादी के लिए अनिश्चित समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है।