जब हम NITI Aayog, भारत की नीति‑निर्धारण और योजना बनाने वाली प्रमुख संस्था. इसे कभी‑कभी राष्ट्रीय नीति आयोग कहा जाता है और यह भारत सरकार के अंतर्गत काम करता है। इसकी मूल जिम्मेदारी आर्थिक विकास को गति देना और विकास लक्ष्य तय करना है।
इस लेख में हम NITI Aayog के प्रमुख पहलुओं को समझेंगे। नीति आयोग सिर्फ एक सलाहकार नहीं, बल्कि भारत सरकार की दिशा‑निर्देशी शक्ति है। वह राष्ट्रीय योजना को सिलसिलेवार रूप में डिजाइन करता है, फिर उसे केंद्र‑राज्य स्तर पर लागू करवाता है। इसके द्वारा बनाए गए “डिजिटल इंडिया”, “स्टार्ट‑अप इंडिया” जैसे मिशन सीधे आर्थिक आँकड़े में सुधार लाते हैं।
NITI Aayog तीन मुख्य क्षेत्रों में काम करता है: (1) नीति‑निर्माण – विभिन्न मंत्रालयों को डेटा‑आधारित सुझाव देता है; (2) सहयोगात्मक प्लेटफ़ॉर्म – राज्यों और निजी क्षेत्र को जोड़कर ठोस प्रोजेक्ट बनाता है; (3) प्रगति माप – विकास लक्ष्य के KPI सेट कर परिणामों की निगरानी करता है। इसलिए हम कह सकते हैं: "NITI Aayog भारत सरकार की नीति को आकार देता है," "यह आर्थिक विकास को तेज़ करने के लिए विकास लक्ष्य तय करता है," और "विकास लक्ष्य डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं को निर्देशित करते हैं."
पिछले कुछ महीनों में नीति आयोग ने कई नई पहलें लॉन्च की हैं: जल‑स्मार्ट सिटीज़, स्वास्थ्य‑सुरक्षा फ्रेमवर्क, और बड़ा कृषि‑डिज़िटलीकरण योजना। प्रत्येक पहल का उद्देश्य मूलभूत समस्या‑समाधान करना और मौजूदा नियोजन के अंतराल को भरना है। उदाहरण के तौर पर, जल‑स्मार्ट सिटीज़ पहल में जल‑संकट वाले क्षेत्रों के लिए सूक्ष्म‑डाटा‑आधारित समाधान तैयार किए गये, जिससे स्थानीय प्रशासन को त्वरित कार्यवाही करने में मदद मिली। ये सभी पहल NITI Aayog के "आर्थिक विकास" और "विकास लक्ष्य" के साथ घनिष्ठ जुड़ाव को दर्शाती हैं।
इन सबके प्रकाश में, हमारे पास NITI Aayog से जुड़ी नवीनतम खबरें, विश्लेषण और अपडेट्स का एक संकलन है। नीचे आप देखेंगे कि कैसे नीति आयोग विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन लाता है, कौन‑से नए लक्ष्य निर्धारित हुए हैं, और इस साल के प्रमुख योजना‑परिणाम क्या दिखा रहे हैं। आगे बढ़ें और जानें कि भारत की नीति‑दृष्टि में NITI Aayog का वास्तविक योगदान क्या है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को NITI Aayog की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने राज्यों के निवेशक सहाय अभियानों को सुव्यवस्थित करने और रहने में सुगमता सुधार पर जोर दिया। मोदी ने निवेशक चार्टर का प्रस्ताव रखा और राज्यों को उनके निवेश अनुकूलता के आधार पर रैंकिंग करने की बात कही।