जब हम प्रधानमंत्री मोदी की बात करते हैं, तो विदेश नीति, आर्थिक पहल और राजनीतिक नेतृत्व तुरंत दिमाग में आते हैं। यह व्यक्ति प्रधानमंत्री मोदी, भारत के मौजूदा प्रधान मंत्री, जिनकी दूरदर्शी विदेश नीति और विकास कार्यक्रम चर्चित हैं. Also known as नरेंद्र मोदी, वह वैश्विक मंच पर भारत का प्रमुख प्रतिनिधि हैं। इसी संदर्भ में ग7 शिखर सम्मेलन, विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्तियों का वार्षिक मंच जहाँ नीति दिशा तय होती है का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि इस मंच पर इटली, यूरोप की प्रमुख आर्थिक शक्ति, जिसकी सरकार भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रही है के साथ संवाद होता है। इन तीनों घटकों की पारस्परिक क्रिया से भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी, दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने वाला समझौता नई दिशा लेती है।
ग7 शिखर में मोदी‑मेलोनी की मुलाकात ने "आप सबसे उत्तम" जैसी टिप्पणी को वायरल बना दिया, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती को दर्शाती है। यह संवाद न केवल कूटनीतिक सौहार्द को गहरा करता है, बल्कि आर्थिक समझौतों के द्वार भी खोलता है। उदाहरण के तौर पर भारत‑इटली रणनीतिक साझेदारी में ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और रक्षा क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट्स तय हो रहे हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को ठोस लाभ मिल रहा है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की सक्रिय भूमिका, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और व्यापार मुक्तिकरण के मुद्दों पर मोड़, मोदी की विदेश नीति की परिपक्वता को दिखाती है। यह सब दिखाता है कि प्रधान मंत्री के निर्णय किस तरह ग7 शिखर के ढांचे में बुनते हैं, इटली जैसी प्रमुख राष्ट्रों के साथ साझेदारी को सुदृढ़ करते हैं, और व्यापक अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को आकार देते हैं।
इन घटनाओं के साथ, आप नीचे दी गई लेखों में ग7 शिखर में हुई चर्चा, इटली के साथ नई समझौते, भारत‑इटली सहयोग की विशिष्ट परियोजनाएं और मोदी की कूटनीतिक रणनीतियों की गहरी छानबीन पाएंगे। चाहे आप विदेश नीति में रुचि रखते हों या आर्थिक साझेदारी की संभावनाओं को समझना चाहते हों, यह संग्रह आपको विस्तृत परिप्रेक्ष्य देगा। आगे पढ़ते हुए आप प्रत्येक लेख में प्रमुख बिंदु, आंकड़े और विश्लेषण देखेंगे, जिससे वर्तमान राजनीतिक माहौल का सटीक आकलन संभव होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को NITI Aayog की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने राज्यों के निवेशक सहाय अभियानों को सुव्यवस्थित करने और रहने में सुगमता सुधार पर जोर दिया। मोदी ने निवेशक चार्टर का प्रस्ताव रखा और राज्यों को उनके निवेश अनुकूलता के आधार पर रैंकिंग करने की बात कही।