जब हम स्वास्थ्य, शरीर और मन की हालत, जो जीवन की गुणवत्ता तय करती है. Also known as हताब, it shapes how we feel daily and handle challenges. अक्सर हम इसे अचानक आने वाले रोगों से जोड़ते हैं, लेकिन असली कहानी इस बात की है कि हम इसे रोज़मर्रा की आदतों से कैसे बचा सकते हैं। यही कारण है कि इस पेज पर हम स्वास्थ्य के मुख्य पहलुओं को तोड़‑मरोड़ कर समझाएंगे, ताकि आप जल्दी समझ सकें कि क्या बदलना है।
पहला महत्वपूर्ण तत्व है रोग, शरीर में उत्पन्न होने वाली बीमारी या विकार. रोग का असर सीधे स्वास्थ्य को गिराता है, लेकिन सही पोषण और व्यायाम इसे रोक सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति अक्सर उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाने पर निर्भर रहता है, तो वह दिल की बीमारी (रोग) के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए रोग को समझना, स्वस्थ विकल्प चुनने की पहली सीढ़ी है।
दूसरा स्तंभ है पोषण, खाद्य पदार्थों से शरीर को मिलने वाले ऊर्जा और पोषक तत्व. पोषण न केवल शरीर के वजन को नियंत्रित करता है, बल्कि इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है। अगर आप रोज़ फल, सब्ज़ी और प्रोटीन शामिल करते हैं, तो आपका शरीर रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। पोषण वह ईंधन है जो शरीर को चलाता है, और अच्छा ईंधन बेहतर स्वास्थ्य देता है।
तीसरा धारा है व्यायाम, शारीरिक गतिविधि जो मसल्स और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम को सक्रिय करती है. व्यायाम सिर्फ कैलोरी जलाई नहीं, बल्कि तनाव घटाता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है। जब आप रोज़ 30 मिनट तेज़ चलते हैं, तो आपका दिल की धड़कन स्थिर रहती है, रक्तचाप नियंत्रण में रहता है, और रोगों का जोखिम कम होता है। व्यायाम और स्वास्थ्य का सीधा संबंध है – एक मजबूत शरीर स्वस्थ रहता है।
चौथा पहलू है मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्थिति जो सोच, महसूस करने और व्यवहार को प्रभावित करती है. तनाव, अनिद्रा या निराशा सीधे शारीरिक रोगों को प्रभावित करते हैं। कई अध्ययन बताते हैं कि नियमित व्यायाम, स्वस्थ पोषण और पर्याप्त नींद मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करती है। इसलिए, बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि मन का भी ख्याल रखना ज़रूरी है।
अब इन चारों तत्वों को जोड़ते हैं: स्वास्थ्य पोषण से प्रभावित होता है, व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, और दोनों मिलकर रोग का जोखिम घटाते हैं। यह त्रिकोणीय संबंध यह बताता है कि आपका दैनिक चयन सीधे आपके स्वास्थ्य को आकार देता है। यदि आप इसे समझते हैं, तो आप छोटे‑छोटे बदलावों से बड़ा असर कर सकते हैं।
आइए अब जीवनशैली की बात करें। एक सरल दिनचर्या में सुबह का गिलास पानी, संतुलित नाश्ता, 10‑15 मिनट स्ट्रेच, और शाम को किताब पढ़ना या ध्यान लगाना शामिल कर सकते हैं। यह छोटे‑छोटे कदम आपके पोषण, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य को एक साथ सुदृढ़ करेंगे। आप देखेंगे कि ऊर्जा स्तर बढ़ेगा और रोगों से लड़ने की ताकत भी।
अगर आप आयुर्वेद में रुचि रखते हैं, तो यह एक अतिरिक्त टूल हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर को तीन दोष – वात, पित्त, कफ – में संतुलित रखना आवश्यक है। सही आहार और जड़ी‑बूटियों के उपयोग से यह संतुलन बना रहता है, जिससे रोगों से बचाव आसान हो जाता है। आप चाहें तो अपनी रोज़मर्रा की रूटीन में हल्दी, अदरक या तुलसी जोड़ सकते हैं।
एक और बात जो अक्सर अनदेखी रहती है, वह है नींद। पर्याप्त नींद (7‑8 घंटे) आपके इम्यून सिस्टम को रीसेट करती है और मानसिक तनाव को घटाती है। यदि आप देर रात तक स्क्रीन देखते हैं, तो नींद की गुणवत्ता घटती है, जिससे रोगों का खतरा बढ़ता है। इसलिए, रात 10 बजे तक फोन बंद करके आरामदायक माहौल बनाना फायदेमंद है।
इन सभी बिंदुओं को देख कर आप एक व्यापक स्वास्थ्य योजना बना सकते हैं। यह योजना पोषण, व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य और जीवनशैली को एक साथ लाएगी। आप चाहे युवा हों या बुजुर्ग, यह बुनियादी सिद्धांत काम करेंगे। अब आप तैयार हैं इस ज्ञान को अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करने के लिये। नीचे आप देखेंगे कई लेख जो इन विषयों को गहराई से समझाते हैं, जैसे रोग रोकथाम के टिप्स, आसान व्यायाम रूटीन, पोषण गाइड और मानसिक स्वास्थ्य के उपाय। इन लेखों को पढ़कर आप अपनी स्वास्थ्य यात्रा को सही दिशा दे सकते हैं।
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