जब नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधान मंत्री, 2014 से पद पर हैं और कई राष्ट्रीय‑अंतर्राष्ट्रीय पहल का नेतृत्व कर रहे हैं, Modi की बात आती है, तो उनका नाम तुरंत दिमाग में आता है। मोदी का राजनीतिक सफ़र गुजरात से शुरू हुआ, फिर राष्ट्रीय मंच पर उनका उदय हुआ, और अब वे विदेश नीति, आर्थिक सुधार और सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख चेहरा बन गए हैं। इस पेज पर आप उनका नवीनतम कार्य, प्रमुख मुलाक़ातें और नीतियों का एक समग्र दृश्य पाएँगे।
एक महत्वपूर्ण मोड़ था ग7 शिखर, सात प्रमुख विकसित देशों का वार्षिक सम्मेलन जहाँ वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा होती है जहां मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी, इटली के प्रधान मंत्री, भारत‑इटली साझेदारी को नई दिशा देने वाले के साथ "आप सबसे उत्तम" टिप्पणी के साथ बेमिसाल मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात ने दो देशों के बीच व्यापार, रक्षा और तकनीकी सहयोग को तेज़ी से बढ़ाने की इच्छा को दिखाया। दोनों नेताओं ने ऊर्जा, जेट‑ईंधन और स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम में सहयोग के कई प्रोजेक्ट साइन किए।
नरेंद्र मोदी की विदेश नीति अब सिर्फ द्विपक्षीय संबंध नहीं, बल्कि बहुपक्षीय मंचों जैसे G20, BRICS, और ASEAN पर भी केंद्रित है। उन्होंने आर्थिक सुदृढ़िकरण के लिए 'अटल अभियांत्रिकी' और 'डिजिटलीकरण' के कई योजनाएँ पेश कीं। साथ ही, उनके द्वारा लागू किए गए 'नवा भारत' कार्यक्रम ने ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में परिवर्तन लाया। इस सबका असर स्पष्ट है: विदेशी निवेश में 20% की वृद्धि, शेयर बाजार में वोलैटिलिटी कम होना, और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर।
जब बात आर्थिक पहल की आती है, तो नरेंद्र मोदी के नीचे कई प्रमुख सुधार हुए हैं—जैसे GST का एकीकृत कर ढांचा, श्रम संहिता, और उत्पादन पर केंद्रित 'Make in India'। ये नीतियां न केवल विदेशियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करती हैं, बल्कि स्थानीय निर्माताओं को भी प्रतिस्पर्धी बनाती हैं। इनके परिणामस्वरूप, पिछले दो वर्षों में औद्योगिक उत्पादन में 15% की बढ़ोतरी देखी गई है।
इन सभी के बीच, मोदी की वैश्विक मंचों पर आवाज़ ने भारत को कई अंतरराष्ट्रीय सहयोग के दरवाज़े खोलकर दिए हैं। उदाहरण के तौर पर, ग7 में उन्होंने जलवायु परिवर्तन के लिए भारत की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया और फिर इटली के साथ मिलकर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ शुरू कीं। ऐसी साझेदारियां न केवल पर्यावरणीय लक्ष्य हासिल करने में मदद करती हैं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक बचत भी देती हैं।
संक्षेप में, नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में रणनीति, तीव्रता और तेज़ निर्णय शामिल हैं। उनका हर कदम—चाहे वह विदेश में मिलन हो, आर्थिक नीति में बदलाव या सामाजिक सुधार—देश के भविष्य को आकार देता है। नीचे दी गई सूची में आप इन विविध पहलुओं की विस्तृत रिपोर्ट, विश्लेषण और अपडेट देखेंगे, जिससे आप जागरूक निर्णय ले सकते हैं और खुद को इस तेज़-तर्रार ब्रीफ़िंग में अद्यतित रख सकते हैं।
पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। यह भारत की आर्थिक चुनौतियों का सामना करने और सरकार और आरबीआई के बीच समन्वय को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। उनकी नियुक्ति सरकार की आर्थिक नीतियों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
लोकसभा के एक गरमा-गरम सत्र में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के व्यवहार की आलोचना की, और उन्हें पक्षपाती बताया। इस आरोप का उत्तर गृह मंत्री अमित शाह और ओम बिरला ने दिया। गांधी ने कहा कि अध्यक्ष के शब्द भारतीय लोकतंत्र को परिभाषित करते हैं।