अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 अक्टूबर से ब्रांडेड फार्मास्युटिकल आयात पर 100% टैरिफ की घोषणा की, जिससे भारतीय फ़ार्मा शेयरों में तेज़ी से गिरावट आई। Nifty Pharma इंडेक्स 2% से अधिक गिरा, जबकि Sun Pharma, Biocon, Gland Pharma जैसे बड़े नामों के शेयर 1%‑6% तक घटे। इस कदम ने विदेशी बाजारों में भारत के फार्मा निर्यात की प्रतिस्पर्धा को बदलने की संभावना जताई। विशेषज्ञों ने इस कदम को सावधानी के साथ देखना और संभावित प्रभावों के लिए तैयार रहना बताया।
Ganesh Consumer Products Limited ने 22 सितंबर को अपना IPO शुरू किया, लेकिन पहले दिन केवल 12% सब्सक्रिप्शन मिला। कीमत 306‑322 रुपए प्रति शेयर तय, 409 करोड़ रुपये के इश्यू में 89 लाख शेयर पेश। कंपनी ने एंकर निवेशकों से 122 करोड़ रुपये जुटाए थे और रोस्टेड ग्राम आटा निर्माण हेतु 45 करोड़ खर्च करेगा।
Mahindra ने GST दरों में बदलाव के बाद अपनी SUV लाइन-अप की कीमतें 1.56 लाख रुपये तक घटाईं। कटौती 6 सितंबर 2025 से लागू है। XUV3XO, Thar, Scorpio-N और XUV700 जैसे मॉडल सस्ते हुए। Tata Motors, Toyota, Renault, Hyundai और लग्जरी ब्रांड्स ने भी कीमतें घटाईं। त्योहार सीजन से पहले यह कदम बिक्री को तेज कर सकता है।
एशिया के शेयर बाजारों में बड़ी हलचल दिखी, जहाँ हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 3% से ज्यादा चढ़कर 52 हफ्ते की नई ऊँचाई पर पहुँचा, जबकि जापान का निक्केई 225 सूचकांक फिसला। बाजार में यह विभाजन मजबूत निवेशक भरोसे, सेक्टर-वाइज बढ़त और बदलते वैश्विक संकेतों के बीच आया।
छिंदवाड़ा में 64,000 पुराने डिजिटल मीटर हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इससे बिलिंग व्यवस्था ज्यादा पारदर्शी होगी और लोग अपने बिजली खर्च की जानकारी तुरंत देख सकेंगे। अब बिजली कनेक्शन कटने के बाद फिर जोड़ने के लिए 340 रुपये चुकाने होंगे। उपभोक्ताओं से समय पर मीटर बदलवाने की अपील की गई है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर ब्रोकर और डिपॉजिटरी नियमों के उल्लंघन के लिए 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। निरीक्षण के बाद, SEBI ने कई अनियमितताओं का पता लगाया, जिनमें निवेशक शिकायतों का समाधान न होना, गलत प्रतिभूतियों का स्थानांतरण, और मार्जिन ट्रेडिंग में गलत रिपोर्टिंग शामिल है।
विप्रो के निदेशक मंडल ने 2024 की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों के साथ बोनस शेयर जारी करने पर विचार करने का निर्णय लिया है। यह कदम शेयर की तरलता बढ़ाने और इसे निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। बोनस शेयर मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त मुहैया कराए जाते हैं, जिन पर कोई अतिरिक्त लागत नहीं लगती।